Gobind Sharma
VIP
एक दिन जिन्दगी ऐसे मुकाम पर पहुच जायेगी.......
दोस्ती तो सिर्फ यादो में रह जायेगी..........
हर कप कांफी याद दोस्तों की दिलाएगी. और हसते हसते फिर आँखे नम हो जायेगी.
ऑफिस के chamber में Classroom नज़र आएगी पर चाहेंगे तो भी Proxy नहीं लग पायेगी.......
पैसा तो बहुत होगा. मगर उन्हें लुटाने की वजह ही खो जायेगी.....
जी ले खुलके इस पल को मेरे दोस्त क्यों की जिन्दगी इन पलो को फिर से नहीं दोहराएगी.
दोस्ती तो सिर्फ यादो में रह जायेगी..........
हर कप कांफी याद दोस्तों की दिलाएगी. और हसते हसते फिर आँखे नम हो जायेगी.
ऑफिस के chamber में Classroom नज़र आएगी पर चाहेंगे तो भी Proxy नहीं लग पायेगी.......
पैसा तो बहुत होगा. मगर उन्हें लुटाने की वजह ही खो जायेगी.....
जी ले खुलके इस पल को मेरे दोस्त क्यों की जिन्दगी इन पलो को फिर से नहीं दोहराएगी.