~¤Akash¤~
Prime VIP
वो जब मिलता है दुनिया बदल जाती है,
उस के पहलु में ज़िन्दगी बहल जाती है....
अपने दिल में बला की सादगी रखता है,
चालाकियां बहुत दूर से निकल जाती है...
तुझे पाने के लिए क्या हमें खोना होगा,
इसी हिसाब में ज़िन्दगी फिसल जाती है...
जरा उसकी यादों की जादूगरी तो देखो,
बना कर खंडहर को ताज महल जाती है.....
न आह, न वाह, न दाद मिली किसी की,
देख रुसवा सी 'विशेष' तेरी ग़ज़ल जाती है..
उस के पहलु में ज़िन्दगी बहल जाती है....
अपने दिल में बला की सादगी रखता है,
चालाकियां बहुत दूर से निकल जाती है...
तुझे पाने के लिए क्या हमें खोना होगा,
इसी हिसाब में ज़िन्दगी फिसल जाती है...
जरा उसकी यादों की जादूगरी तो देखो,
बना कर खंडहर को ताज महल जाती है.....
न आह, न वाह, न दाद मिली किसी की,
देख रुसवा सी 'विशेष' तेरी ग़ज़ल जाती है..