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- dEsPeraTe cRaNky -
पटियाला पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर संदेह के घेरे में है। शहर में लॉ एंड आर्डर मेंटेंट करने के लिए पुलिस ने शायद नई रणनीति अपनाई है। रणनीति यह कि यदि कोई घटना होती है तो उस मामले में केस दर्ज नहीं किया जाए, बड़े अफसरों की निगाह में शहर में शांति खुद ब खुद दिख जाएगी। मंगलवार रात को सत्य नारायण मंदिर के नजदीक हुए बम धमाके के तीसरे दिन भी पुलिस ने किसी अज्ञात आरोपी के खिलाफ भी पर्चा दर्ज नहीं किया है। हालांकि धमाके की जांच के लिए अन्य पुलिसिया कार्रवाई करवाई जा रही है, फिर भी इस मामले को जिला पुलिस ने आधिकारिक रूप नहीं दिया है। हैरत की बात है कि पटियाला में रात के समय जबरदस्त धमाका होता है। इसमें 5 लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं। घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा होती है। धमाके से हुए नुकसान के लिए एसएसपी और डीसी मुआवजे का ऐलान करते हैं, लेकिन इस खौफनाक हादसे को लेकर किसी भी तरह का केस दर्ज नहीं किया जाता है। केस दर्ज करने के लिए फोरेंसिक रिपोर्र्ट का इंतजार : यह बात किसी के गले नहीं उतर रही कि बम विस्फोट मामले में केस दर्ज करने के लिए पुलिस फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार क्यों कर रही है? दूसरी बात यह है कि अभी तक इस मामले में किसी आरोपी की पहचान भी सार्वजनिक नहीं हुई है, पुलिस पर किसी को बचाने का दबाव भी नहीं है, बावजूद इसके पुलिस पर्चा दर्ज नहीं कर रही है। पूछने पर एसपी (डी) गुरदीप सिंह पन्नू का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यदि यह बम हुआ, तो आरोपियों पर केस दर्ज किया जाएगा। यहां सवाल यह भी उठता है कि क्या हर धमाके के बाद पुलिस फोरेंसिक रिपोर्ट आने पर ही केस दर्ज करती है?
मामले को लो प्रोफाइल बना रही पुलिस: विस्फोट मामले में तीसरे दिन भी पर्चा दर्ज नहीं करने पर एडवोके ट बलजिंदर सिंह सोढ़ी का कहना है कि पुलिस जान बूझकर इस मामले को लो—प्रोफाइल बना रही है। जब हर पुलिस केस में पहले पर्चा दर्ज होता है, फिर कार्रवाई शुरू होती है तो इस मामले में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा? एडवोकेट मनोज सोईन का कहना है कि पुलिस इस केस को दबाना चाहती है। एक दो दिन हो हल्ला होने के बाद लोग शांत हो जाएंगे, जबकि केस दर्ज होने के बाद यह हमेशा के लिए रिकार्ड में दर्ज हो जाएगा।
मामले और भी हैं
बम धमाके के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल को सील तो करवा दिया, लेकिन घटना के तुरंत बाद पुलिस ने डॉग स्क्वायड को बुलाकर यह पड़ताल करवाने की जहमत नहीं उठाई कि कहीं ये बड़ी शरारत तो नहीं है? कहीं आसपास और बम तो छिपा कर नहीं रखे हैं? पुलिस ने इलाका निवासियों की जान जोखिम में डालने का रिस्क उठाया। बगैर कोई पड़ताल किए इस धमाके को ट्यूबलाइट का धमाका बताकर पुलिस ने लापरवाही तो बरती ही, विस्फोट में बम होने की आशंका के बाद संदेह के आधार पर किसी पर हाथ डालने की हिम्मत भी नहीं दिखाई। यदि फोरेंसिक रिपोर्ट में बम धमाका होने की पुष्टि हो गई तो पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी के लिए के लिए कोई टीम क्यों नहीं बनाई।
पटियाला पुलिस आर्य समाज चौक स्थित सत्य नारायण मंदिर के प्रांगण में हुए जिस विस्फोट का अभी पता नहीं लगा पाई थी उसकी जिम्मेदारी बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ले ली है। बब्बर खालसा इंटरनेशनल की ओर से शहर के एक मीडिया हाउस को भेजे इस ई—मेल में बम धमाके की जिम्मेदारी ली गई है। आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के शीर्ष आतंकवादी जगतार सिंह तारा व वधावा सिंह बब्बर की ओर से हस्ताक्षरित ई—मेल में कहा गया है कि पिछले समय से लगातार सिख धर्म के खिलाफ घटिया हरकतें की जा रही हैं। कुछ दिन पहले एक हिन्दू संगठन द्वारा रिलीज किए कैलेंडरों में आपरेशन ब्लू स्टार के दोषियों को हीरों के रूप में पेश किया गया है।
इसके अलावा संत जरनैल सिंह भिंडरावाला की तस्वीरें जलाई जाती हैं। मेल में लिखा गया है कि हम किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अपने धर्म के खिलाफ हो रही कार्रवाइयों को रोकना हमारा हक है। मेल में बादल परिवार को भी चेतावनी दी गई है कि वो अपनी कुर्सी के लालच में सिख दुश्मनों का साथ देना बंद करें नहीं तो उन्हें भी इसके भयानक नतीजे भुगतने पड़ेंगे। याद रहे कि इससे पहले भी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा पंजाब में कई आतंकी गतिविधियों की जिम्मेदारी मेल के द्वारा ले चुका है। राष्ट्रीय सिख संगत के प्रधान रुलदा सिंह हत्या के जिम्मेदारी भी इसी संगठन ने मेल के जरिए ली थी। बाद में उसके साथी भी गिरफ्तार हुए थे। इसी तरह नाभा बम कांड और हलवारा के बाहर मिले जिंदा बमों की जिम्मेदारी खालिस्तान कमांडो फोर्स ने ली थी। इस मामले में भी उक्त संगठनों के आतंकी गिरफ्तार किए गए थे। ई—मेल की सूचना पाते ही जिला पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। हालांकि जब इस मामले में एसएसपी से बात करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हुआ।
मामले को लो प्रोफाइल बना रही पुलिस: विस्फोट मामले में तीसरे दिन भी पर्चा दर्ज नहीं करने पर एडवोके ट बलजिंदर सिंह सोढ़ी का कहना है कि पुलिस जान बूझकर इस मामले को लो—प्रोफाइल बना रही है। जब हर पुलिस केस में पहले पर्चा दर्ज होता है, फिर कार्रवाई शुरू होती है तो इस मामले में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा? एडवोकेट मनोज सोईन का कहना है कि पुलिस इस केस को दबाना चाहती है। एक दो दिन हो हल्ला होने के बाद लोग शांत हो जाएंगे, जबकि केस दर्ज होने के बाद यह हमेशा के लिए रिकार्ड में दर्ज हो जाएगा।
मामले और भी हैं
बम धमाके के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल को सील तो करवा दिया, लेकिन घटना के तुरंत बाद पुलिस ने डॉग स्क्वायड को बुलाकर यह पड़ताल करवाने की जहमत नहीं उठाई कि कहीं ये बड़ी शरारत तो नहीं है? कहीं आसपास और बम तो छिपा कर नहीं रखे हैं? पुलिस ने इलाका निवासियों की जान जोखिम में डालने का रिस्क उठाया। बगैर कोई पड़ताल किए इस धमाके को ट्यूबलाइट का धमाका बताकर पुलिस ने लापरवाही तो बरती ही, विस्फोट में बम होने की आशंका के बाद संदेह के आधार पर किसी पर हाथ डालने की हिम्मत भी नहीं दिखाई। यदि फोरेंसिक रिपोर्ट में बम धमाका होने की पुष्टि हो गई तो पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी के लिए के लिए कोई टीम क्यों नहीं बनाई।
पटियाला पुलिस आर्य समाज चौक स्थित सत्य नारायण मंदिर के प्रांगण में हुए जिस विस्फोट का अभी पता नहीं लगा पाई थी उसकी जिम्मेदारी बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ले ली है। बब्बर खालसा इंटरनेशनल की ओर से शहर के एक मीडिया हाउस को भेजे इस ई—मेल में बम धमाके की जिम्मेदारी ली गई है। आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के शीर्ष आतंकवादी जगतार सिंह तारा व वधावा सिंह बब्बर की ओर से हस्ताक्षरित ई—मेल में कहा गया है कि पिछले समय से लगातार सिख धर्म के खिलाफ घटिया हरकतें की जा रही हैं। कुछ दिन पहले एक हिन्दू संगठन द्वारा रिलीज किए कैलेंडरों में आपरेशन ब्लू स्टार के दोषियों को हीरों के रूप में पेश किया गया है।
इसके अलावा संत जरनैल सिंह भिंडरावाला की तस्वीरें जलाई जाती हैं। मेल में लिखा गया है कि हम किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अपने धर्म के खिलाफ हो रही कार्रवाइयों को रोकना हमारा हक है। मेल में बादल परिवार को भी चेतावनी दी गई है कि वो अपनी कुर्सी के लालच में सिख दुश्मनों का साथ देना बंद करें नहीं तो उन्हें भी इसके भयानक नतीजे भुगतने पड़ेंगे। याद रहे कि इससे पहले भी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा पंजाब में कई आतंकी गतिविधियों की जिम्मेदारी मेल के द्वारा ले चुका है। राष्ट्रीय सिख संगत के प्रधान रुलदा सिंह हत्या के जिम्मेदारी भी इसी संगठन ने मेल के जरिए ली थी। बाद में उसके साथी भी गिरफ्तार हुए थे। इसी तरह नाभा बम कांड और हलवारा के बाहर मिले जिंदा बमों की जिम्मेदारी खालिस्तान कमांडो फोर्स ने ली थी। इस मामले में भी उक्त संगठनों के आतंकी गिरफ्तार किए गए थे। ई—मेल की सूचना पाते ही जिला पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। हालांकि जब इस मामले में एसएसपी से बात करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हुआ।