Saini Sa'aB
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आओ हम धूप वृक्ष काटें
इधर-उधर हलकापन बाँटें
अमलतास गहरा कर फूले
हवा नीम गाछों पर झूले,
चुप हैं गाँव, नगर, आदमी
हमको तुमको सबको भूले
हर तरफ घिरी-घिरी उदासी
आओ हम मिल-जुल कर छाँटें
परछाईं आ करके सट गयी
एक और गोपनता छँट गयी,
हल्दी के रंग-भरे कटोरे-
किरन फिर इधर-उधर उलट गयी
वह पीलेपन की गहराई
लाल-लाल हाथों से पाटे
आओ हम धूप वृक्ष काटें
इधर-उधर हलकापन बाँटें
अमलतास गहरा कर फूले
हवा नीम गाछों पर झूले,
चुप हैं गाँव, नगर, आदमी
हमको तुमको सबको भूले
हर तरफ घिरी-घिरी उदासी
आओ हम मिल-जुल कर छाँटें
परछाईं आ करके सट गयी
एक और गोपनता छँट गयी,
हल्दी के रंग-भरे कटोरे-
किरन फिर इधर-उधर उलट गयी
वह पीलेपन की गहराई
लाल-लाल हाथों से पाटे
आओ हम धूप वृक्ष काटें