मिर्ज़ा गालिब

रहिये अब ऐसी जगह चलकर जहाँ कोई न हो,
हम सुखन(बात करने वाला) कोई ना हो पासबाँ(पास बैठने वाला) कोई न हो,
पड़िये गर बीमार, तो न हो तीमारदार (देखभाल करने वाला),
और अगर मर जायें तो,
नौहाख्वाँ (मुर्दा नहलाने वाला) कोई न हो।
 
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