बहुत जल लिए हो यूँ खुद से लिपटकर, अयान अब ये ल

~¤Akash¤~

Prime VIP
चेहरा ना आँखें ना कोई बदन हैं, ये किस शक्ल में अब ढली जा रही हैं
बहुत रंग तुमने चढ़ाये थे इस पर, ये मिटटी अयान अब घुली जा रही हैं
यूँ जीने की कोई वज़ह भी नहीं हैं, अजब ज़िन्दगी है चली जा रही हैं
बहुत जल लिए हो यूँ खुद से लिपटकर, अयान अब ये लौ भी बुझी जा रही हैं.
 
Top