~¤Akash¤~
Prime VIP
बातों बातों में जाने वो क्या कह गया
रात भर उसको ही सोचता रह गया
मुझको दुनिया समझती थी कुछ और ही
था बुरा में वो मुझको भला कह गया
आज तो इश्क की इन्तहा हो गयी
जाने क्यूँ आज उसको खुदा कह गया
था डुबोया मुझे जिसने मझधार में
बरसों रोता वो बस नाखुदा रह गया
रात में जागने का हुनर था मुझे
ख्वाब आँखों में कैसे चुभा रह गया
दिल ने मेरी, ना मैंने ही दिल की सुनी
दिल ये मुझसे मैं दिल से जुदा रह गया...
रात भर उसको ही सोचता रह गया
मुझको दुनिया समझती थी कुछ और ही
था बुरा में वो मुझको भला कह गया
आज तो इश्क की इन्तहा हो गयी
जाने क्यूँ आज उसको खुदा कह गया
था डुबोया मुझे जिसने मझधार में
बरसों रोता वो बस नाखुदा रह गया
रात में जागने का हुनर था मुझे
ख्वाब आँखों में कैसे चुभा रह गया
दिल ने मेरी, ना मैंने ही दिल की सुनी
दिल ये मुझसे मैं दिल से जुदा रह गया...