चाहतें गर "अयान" रखते हो सब को आजाओ तुम खफा &#23

~¤Akash¤~

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खुश ना था मुझको वो बुझा कर के
खुद भी रोया, मुझे रुला कर के

ये सितम हैं, या फिर करम कोई
मुझे चराग किया मुझको ही हवा कर के

दिल का एहसाँ उतर गया शायद
आज वो सो गया इफा कर के

तिशनगी दे गया जहाँ भर की
मुझको उजड़ा हुआ कुआँ कर के

मुझसे इतना खफा था वो यारों
ज़िन्दगी दे गया दुआ कर के

चैन मिलता तो हैं महोब्बत मे
दर्दे-दिल को ही कुछ सिवा कर के

वो जुदा मुझसे आज हो तो गया
मुझको मुझसे ही बस जुदा कर के

चाहतें गर "अयान" रखते हो
सब को आजाओ तुम खफा कर के..
 
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