~¤Akash¤~
Prime VIP
मत देख मुझे ऐसे काफिर सी निगाहों से
दर लगने लगा अब तो पाकीजा गुनाहों से
हर एक कदम उसने यूं साथ दिया जैसे
जालिम ता ताल्लुक हो मजलूम की आहों से
बाज़ार मे दौलत के ईमान भी बिकते हैं
रखते हो भरोसा तुम बेकार गवाहों पे
हैं याद मुझे अब भी तू भूल गया शायद
कल मैंने हटाये थे पत्थर तेरी राहों के
मिलने की ज़रा मुझसे कर दिल मैं कसक पैदा
मैं दूर नहीं दिलबर अब भी तेरी बाँहों से..............
दर लगने लगा अब तो पाकीजा गुनाहों से
हर एक कदम उसने यूं साथ दिया जैसे
जालिम ता ताल्लुक हो मजलूम की आहों से
बाज़ार मे दौलत के ईमान भी बिकते हैं
रखते हो भरोसा तुम बेकार गवाहों पे
हैं याद मुझे अब भी तू भूल गया शायद
कल मैंने हटाये थे पत्थर तेरी राहों के
मिलने की ज़रा मुझसे कर दिल मैं कसक पैदा
मैं दूर नहीं दिलबर अब भी तेरी बाँहों से..............