अब और लिखने को क्या बाकी रह गया योगेश.... न कलम में स्याही है, और न दिल में जज़्बात...
Akash_ads ads Oct 31, 2010 #1 अब और लिखने को क्या बाकी रह गया योगेश.... न कलम में स्याही है, और न दिल में जज़्बात...