सच कहूँ तो होंठ जलते मेरे
चुप रहूँ तो साँस ही ना आए
मुश्क़िल है बहुत ही
अब छुपाना या बताना
ज़्यादा पास आना
है असल में दूर जाना
मेरे साथ मेरे
ज़ख़्म भी हैं, दर्द भी हैं
जिनसे है बिगड़ता
जो भी चाहूँ मैं बनाना
मुझे नज़दीक़ियों से मेरी
ये दूरियाँ...
ये दूरियाँ...
ना शिकायत है तुझे
शिकायत ना मुझे
मगर दूरी है
क्या भला रोके हमें
बढ़े ना क्यूँ कदम
अगर दूरी है
पूछूँ तेरे बारे
चढ़ते दिन से, शाम से भी
ना है चैन तेरी याद से भी, नाम से भी
ऐसा क्यूँ हुआ है
यह पता है जानते हैं
तुझसे भी मुहब्बत
है मुहब्बत काम से भी
यूँही नज़दीक़ियों में रही
ये दूरियाँ...
ये दूरियाँ...
ये दूरियाँ...
ये दूरियाँ...
चुप रहूँ तो साँस ही ना आए
मुश्क़िल है बहुत ही
अब छुपाना या बताना
ज़्यादा पास आना
है असल में दूर जाना
मेरे साथ मेरे
ज़ख़्म भी हैं, दर्द भी हैं
जिनसे है बिगड़ता
जो भी चाहूँ मैं बनाना
मुझे नज़दीक़ियों से मेरी
ये दूरियाँ...
ये दूरियाँ...
ना शिकायत है तुझे
शिकायत ना मुझे
मगर दूरी है
क्या भला रोके हमें
बढ़े ना क्यूँ कदम
अगर दूरी है
पूछूँ तेरे बारे
चढ़ते दिन से, शाम से भी
ना है चैन तेरी याद से भी, नाम से भी
ऐसा क्यूँ हुआ है
यह पता है जानते हैं
तुझसे भी मुहब्बत
है मुहब्बत काम से भी
यूँही नज़दीक़ियों में रही
ये दूरियाँ...
ये दूरियाँ...
ये दूरियाँ...
ये दूरियाँ...