हमले में कर्नल गद्दाफी की मौत, लीबिया में ज&#2

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त्रिपोली।। गद्दी से हटाए जा चुके लीबिया के पूर्व तानाशाह मुआम्मर गद्दाफी के गुरुवार को मारे जाने की खबर है। गद्दाफी के विरोधियों का दावा है कि अपने आखिरी गढ़ सिरते में उनके हमले से बचकर भागने की कोशिश में गद्दाफी के दोनों पैरों में गोलियां लगीं। उन्हें एंबुलेंस में लाया गया , लेकिन घावों के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया। इस खबर से लीबिया में जश्न का माहौल है। इसके बाद लीबिया में आठ महीने से चल रहे गृह युद्ध के खत्म होने की घोषणा कर दी गई।

गद्दाफी 1969 में सत्तारूढ़ हुए थे। फरवरी में भड़के जनांदोलन की वजह से उन्हें अपदस्थ होना पड़ा था। अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत भी गद्दाफी की गिरफ्तारी के लिए बयान दे चुका है।

गद्दाफी के गद्दी से हटने के बाद सत्ता पर काबिज नैशनल ट्रांसिशनल काउंसिल ( एनटीसी ) के कुछ अफसरों ने गद्दाफी की मौत का दावा करते हुए गद्दाफी जैसे दिख रहे मरे व्यक्ति की खून में लथपथ तस्वीर जारी की। अल जजीरा टीवी ने त्रिपोली में एनटीसी के सैन्य प्रमुख हकीम बेल्हाई के हवाले से बताया कि गद्दाफी की मौत हो गई है। लीबिया के सूचना मंत्री महमूद शम्माम ने कहा , वह सैनिकों के हमले में मारे गए। तस्वीरें उसकी गवाह हैं। यह लीबिया के लोगों के लिए महान जीत है।

तस्वीरों में : मारा गया तानाशाह गद्दाफी

एनटीसी के सैन्य अधिकारी अब्देल माजिद ने बताया कि गद्दाफी के काफिले के साथ काफी गोलीबारी हुई। वह हमले से बचकर भागने की कोशिश में घायल हो गए। उन्हें सिर में भी गोली लगी। घावों के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया। हालांकि माजिद ने शुरुआती बयानों में कहा था कि गद्दाफी नाटो के हमले से बचकर भागने की कोशिश में घायल हुए थे। कुछ एनटीसी सैनिकों ने भी दावा किया कि उनकी आंखों के सामने ही गद्दाफी को गोली लगी। एक सैनिक ने दावा किया कि गद्दाफी एक गड्ढे में छिपे थे और ‘ गोली मत मारो ’ चिल्ला रहे थे।

हालांकि , एनटीसी का साथ दे रहे नाटो के प्रवक्ता कर्नल रोनाल्ड लावोई ने कहा , नाटो विमानों ने सिरते के निकट दो सैन्य वाहनों पर हमला किया , लेकिन उनमें गद्दाफी के होने की पुष्टि नहीं की जा सकती। अमेरिकी गृह विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कहा , हम अभी गद्दाफी के पकड़े जाने या मौत की पुष्टि नहीं कर सकते।

एनटीसी अफसरों का दावा है कि इस हमले में गद्दाफी के कुछ परिजन भी मारे गए , जबकि उनके बेटे मोतस्सिम और उसके साथियों को जेल में डाल दिया गया है। गद्दाफी के उत्तराधिकारी माने जा रहे दूसरे बेटे सैफ के अभी भी रेगिस्तान में छिपे होने की आशंका है।

सिरते के पूर्वी हिस्से में एनटीसी के ऑपरेशंस हेड कर्नल युनूस अब्दाली ने कहा , सिरते अब आजाद है। गद्दाफी सेना कहीं बाकी नहीं है। हम भागने की कोशिश कर रहे गद्दाफी के सैनिकों को ढूंढ रहे हैं। इससे पहले , लीबियाई सैनिकों ने गद्दाफी की तलाश में उनके गृह नगर सिरते में धावा बोला और कुछ घंटे की गोलीबारी के बाद उन्होंने जीत की घोषणा कर दी।

गद्दाफी की मौत की खबर फैलते ही सैकड़ों एनटीसी सैनिक और लीबियाई नागरिक जश्न मनाने के लिए सड़कों पर उतर आए। उन्होंने खुशियां मनाने के लिए तमाम इमारतों पर लाल , काले और हरे रंग का राष्ट्रीय ध्वज फहराया। हवा में गोलियां चलाईं , बंदूकें और चाकू ऊपर उछाले , आतिशबाजी की और राष्ट्रगान गाया। कुछ सैनिकों ने गद्दाफी के झंडे को पैरों तले कुचल डाला , तो एक सैनिक झंडा उतारने के लिए ट्रैफिक पोल पर चढ़ गया। गद्दाफी के सैनिकों की वर्दियां सड़क पर बिखरी नजर आ रही थीं। एक सैनिक ने कहा , लीबिया अब आजाद है , अब मैं घर जा सकूंगा और अपनी मां से मिलूंगा।
 
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