Arun Bhardwaj
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जब तक है सीने में ,
सांसों का आना जाना ,
तब तक तो मुमकिन नही ,
उस हमदम को भूल पाना,
मुमकिन है यह दिल ,
धड़कना भूल जाये ,
लेकिन यह मुमकिन नही ,
की उनकी याद न आये ,
***जतिंदर सिंह***
सांसों का आना जाना ,
तब तक तो मुमकिन नही ,
उस हमदम को भूल पाना,
मुमकिन है यह दिल ,
धड़कना भूल जाये ,
लेकिन यह मुमकिन नही ,
की उनकी याद न आये ,
***जतिंदर सिंह***