sss_rc
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हम खुशी की चाह में,
हर खुशी से दूर हो गए..
डूंढने चले थे ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से दूर हो गए..॥
जागी-जागी सी प्लकों में,
चैन का वो जो ख्वाब था..
ना हमें एहसास था,
दर्द का वो सैलाब था..
झूठे सपनों के लिए,
हम भटके कहाँ-कहाँ..
डूंढने चले थे ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से दूर हो गए..॥
हम खुशी की चाह में,
हर खुशी से दूर हो गए..
डूंढने चले थे ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से दूर हो गए..॥
पास थी अपनी मंज़िले,
जा के भी हम ना जा सके..
सुख वो थी जिसकी आरज़ू,
पा के भी हम ना पा सके..
भीड में भी तन्हा जीए,
ना पाए कोई ज़हाँ..
डूंढने चले थे ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से दूर हो गए..॥
हम खुशी की चाह में,
हर खुशी से दूर हो गए..
डूंढने चले थे ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से दूर हो गए..॥
हर खुशी से दूर हो गए..
डूंढने चले थे ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से दूर हो गए..॥
जागी-जागी सी प्लकों में,
चैन का वो जो ख्वाब था..
ना हमें एहसास था,
दर्द का वो सैलाब था..
झूठे सपनों के लिए,
हम भटके कहाँ-कहाँ..
डूंढने चले थे ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से दूर हो गए..॥
हम खुशी की चाह में,
हर खुशी से दूर हो गए..
डूंढने चले थे ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से दूर हो गए..॥
पास थी अपनी मंज़िले,
जा के भी हम ना जा सके..
सुख वो थी जिसकी आरज़ू,
पा के भी हम ना पा सके..
भीड में भी तन्हा जीए,
ना पाए कोई ज़हाँ..
डूंढने चले थे ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से दूर हो गए..॥
हम खुशी की चाह में,
हर खुशी से दूर हो गए..
डूंढने चले थे ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी से दूर हो गए..॥