Punjab News विदेश जाने के चक्कर में फंस रहे हैं 50 फीसदी प

चंडीगढ़/अमृतसर. बेहतर भविष्य की तलाश, रातोंरात धनकुबेर बनने का सपना पंजाबियों को पश्चिमी देशों की तरफ आकर्षित कर रहा है और इसका लाभ उठा रहे हैं राज्य में फैले फर्जी ट्रैवेल एजैंट। हालांकि, सरकार इन पर नकेल कसने के लिए तमाम दावे कर रही है, मगर नतीजा वही ढाक के तीन पात। पहले तो इस मकड़जाल में अनपढ़-गंवार ही फंसते थे, मगर अब पढ़े-लिखे भी इसकी जद में हैं। हालिया हुए एक सर्वे के मुताबिक शिक्षित युवाओं को यहां पर अपनी भविष्य अंधकारमय लगता है, जिस क ारण वे विदेश की तरफ पलायन कर रहे हैं।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पंजाब से विदेश जाने के इच्छुक 600 लोगों पर गत दिनों सर्वे किया तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए। सर्वे के मुताबिक अनपढ़ लोग अगर रोजगार की तलाश में विदेश जाते हैं तो पढ़े-लिखे बेहतर भविष्य के लिए, क्योंकि यहां उनके मनमुवाफिक जाब नहीं मिल पाती है। इस दौरान वे ट्रैवेल एजेंटों का सहारा लेते हैं और अक्सर फर्जी एजेंटों के चक्कर में फंस जाते हैं। वैसे से सरकार के साथ-साथ कई संगठनें भी लोगों को अगाह करती रहती हैं, फिर भी लोग ध्यान नहीं दे रहे।

रोजगार की बजाय मिली जेल

फर्जी ट्रैवेल एजेंट के चंगुल में फंस मलेशिया की जेल काटकर लौटे वेरका के मंगल सिंह का कहना है कि उनको ट्रैवेल एजेंट ने पानी की जहाज से गलत तरीके से मलेशिया भेजा। वहां एक फैक्ट्री में काम भी मिला, मगर तनख्वाह लेने का वक्त मालिक को पता लग गया तो उसने जेल भिजवा दिया। छह महीने तक जेल में रहने के बाद वह आउट पासपोर्ट पर वापस आए। इसी इलाके के रहने वाले सोनू की भी रामकहानी ऐसी ही है।

वह बताता है कि एक लाख बीस हजार देने के बाद उन लोगों को लगा था कि उनकी विदेश में अच्छी कमाई हो जाएगी, मगर मिली जेल। इसी तरह से चौगावां के दमनदीप सिंह ने बताया कि उनको रिश्तेदार ने इटली भेजने का झांसा दिया। इसके लिए परिजनों से पांच लाख लिए, मगर आस्ट्रेलिया भेज दिया। वहां से कुछ साथी कई देशों की जेलों से होते हुए पाकिस्तान पहुंचे। वहां से गत वर्ष ही लौटे।

हजारों युवा इंतजार में

लोक भलाई पार्टी के मुखी बलवंत सिंह रामूवालिया का कहना है कि देश के हजारों युवा विदेश में फंसे वतन वापसी की राह देख रहे हैं, मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। वह कहते हैं कि राज्य में 600 से अधिक फर्जी ट्रैवेल एजेंट काम कर रहे हैं और रोजाना लाखों रुपए लोगों से ऐंठ रहे हैं। सरकार ने इनको रोकने के दावे किए थे, मगर हुआ नहीं।
 
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