इस रंगीन दुनिया में ख़ुद को मैंने बहलाया बहुत है
कई बार बैठ अकेले में, दिल को समझाया बहुत है ।
जिस की हर बात याद है ज़ुबानी मुझे आज भी
क़सम से ता-उम्र उसे मैंने भुलाया बहुत है ।।
Credit- JASWINDER SINGH BAIDWAN
कई बार बैठ अकेले में, दिल को समझाया बहुत है ।
जिस की हर बात याद है ज़ुबानी मुझे आज भी
क़सम से ता-उम्र उसे मैंने भुलाया बहुत है ।।
Credit- JASWINDER SINGH BAIDWAN