मैं तो खामोश हूँ मेरी खामोशी बोलती हैं आँखों में ख्वाब ही ख्वाब देखते हैं हम नींद ठहरी हुई हैं आँखों में कुछ तो धुन्दले हैं मेरे आईने कुछ गर्द भी हैं आँखों में उनको देखा था ख्वाब में एक दिन आज तक रोशनी हैं आँखों में