उधमपुर से पकड़ा गया आतंकी कासिम

Miss Alone

Prime VIP
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के उधमपुर से बीते दिन एक पाकिस्तानी आतंकी को जिंदा पकड़ा गया है. उधमपुर के समरोली में ये पूरी घटना हुई है. जीजा-साले की जांबाजी से आतंकी कासिम खान पकड़ा गया है. कासिम खान पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है.



कासिम का कबूलनामा
आतंकी कासिम पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है. उसका एक नाम नवेद भी है. कासिम ने बताया कि 12 दिन पहले उसने भारत में घुसपैठ की थी. आतंकी कासिम का सच सबके सामने आ चुका है.

कासिम का असली नाम नवेद है. वो फैसलाबाद के गुलाम मुस्तफाबाद का रहने वाला है. कासिम के दो भाई हैं जिनमें से एक लेक्चरर है जबकि दूसरा भाई कपड़े की दुकान चलाता है. कासिम की एक बहन भी है. कासिम की उम्र 20 साल के आसपास है.

कासिम ने बताया कि पहले भी उसने घुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन तब उसका गाइड नहीं आ सका था. बाद में उसने दोबारा भारत में घुसपैठ की.

कासिम अपने साथी आतंकवादी मोमिन के साथ उधमपुर आया था. बहावलपुर का रहने वाला मोमिन मुठभेड़ में मारा गया है.

अजीत डोभाल ने पीएम से बातचीत की: सूत्र
पाकिस्तानी आतंकी को जिंदा पकड़े जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने की प्रधानमंत्री से बात की. सूत्रों के मुताबिक NSA ने पीएम को आतंकी के पकड़े जाने की जानकारी दी.

सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में पाकिस्तानी आतंकवादी के जिंदा पकड़े जाने के बाद पहले तो उससे हुई शुरुआती पूछताछ की जानकारी हासिल की. इसके बाद उन्होंने फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक इस बात की पुष्टि हो गयी है कि पकड़ा गया आतंकी उस्मान कासिम खान लश्कर ए तैयबा के फिदायीन मॉड्यूल का सदस्य है और पाकिस्तान के फैसलाबाद से आया है. उसने गांववालों को बंधक बनाने के बाद उनसे भागने में मदद करने को कहा और खाना भी मांगा.

क्या हुआ
सुबह कासिम दो साथियों के साथ बीएसएफ की गाड़ी पर गोलियां चला रहा था. जिसमें दो जवान शहीद हुए और एक आतंकी मारा गया जबकि कासिम जंगल में भाग निकला. कासिम ने पांच लोगों को बंधक बनाया था. जिसमें से तीन तो भाग निकले थे लेकिन दो लोग जो जीजा साले थे उन्होंने इसे पकड़ लिया. इसके बाद सुरक्षा बलों की टुकड़ी पहुंची और तब पाकिस्तान का जिंदा आतंकी हाथ आया. कासिम को पुलिस उधमपुर से जम्मू ले गई है. एनआईए की टीम इससे पूछताछ करेगी.

आज सुबह इन आतंकियों ने नेशनल हाइवे पर जा रही बीएसएफ जवानों की गाड़ी पर हमला किया, आपको बता दें ये वहीं हाइवे है जिस पर से अमरनाथ का जत्था गुजरता है. ऐसे में इस बात को लेकर भी आशंकाएं बढ़ गई हैं कि क्या अमरनाथ श्रद्धालु इनके नापाक इरादों के शिकार होने वाले थे?

कैसे भारत में आया कासिम?
आतंकी कासिम करीब दस बारह दिन पहले भारत में दाखिल हुआ. एनआईए की टीम कासिम से पूछताछ करने वाली है. कासिम ने कबूला है कि वो पाकिस्तान का रहने वाला है.

कसाब के बाद पहली बार भारत में कोई जिंदा आतंकवादी पकड़ा गया है. कासिम को पकड़ने वाले हीरो हैं ये. जीजा-साल की जोड़ी ने आतंकी कासिम खान को जिंदा पकड़ा और सुरक्षा बलों को सौंप दिया.



यही है उधमपुर की पहाड़ियों से नीचे लाया जा रहा आतंकी उस्मान उर्फ कासिम खान. कासिम खान साथी आतंकी के साथ 6 दिन पहले पाकिस्तान से आया था. बुधवार सुबह एक आतंकी ने बीएसएफ की बस पर हमला किया और दूसरा आतंकी वहां से भागकर पहाड़ियों पर चला गया और एक गांव में घुसकर पांच लोगों को बंधक बना लिया.

वो दोनों को बंदूक की नोंककर पर उनके घर से 4 किमी दूर ऊपर पहाड़ियों पर जंगल के बीच ले गया. वो भागने का रास्ता ढूंढ रहा था.



कौन है कासिम?
जिंदा पकड़ा गया आतंकी कासिम पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहनेवाला है और उसका एक नाम नावेद भी है. खुद कासिम ने बताया कि 12 दिन पहले उसने भारत में घुसपैठ की थी. एक नजर कासिम और उसके परिवार के बारे में.

उधमपुर से पकड़ा गया आतंकी कासिम अपनी पहचान छुपाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है लेकिन उसकी पहचान स्थापित हो चुकी है.

कासिम का असली नाम नावेद है और वो पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर के गुलाम मुस्तफाबाद का रहनेवाला है. कासिम के दो भाई हैं जिनमें से एक लेक्चरर है जबकि दूसरा भाई कपड़े की दुकान चलाता है. कासिम की एक बहन भी है. कासिम की उम्र 20 साल के आसपास है और वो क्या करता था, ये तो अब जगजाहिर हो चुका है.



कासिम ने पूछताछ में बताया है कि उसने करीब एक महीने पहले कश्मीर घाटी में घुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन उस समय उसका गाइड उसके पास नहीं पहुंच सका था और इस वजह से वो वापस चला गया. बाद में उसने दोबारा भारत में घुसपैठ की.

कासिम जिस दूसरे आतंकवादी के साथ उधमपुर में आया था उसका नाम मोमिन है और वो उधमपुर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया है. मोमिन पाकिस्तान के बहावलपुर का रहनेवाला था.
 

Miss Alone

Prime VIP
नवेद के पिता ने कहा- मैं ही अभागा उसका पिता हूं:

जिंदा पकड़े गए आतंकी नवेद के पाकिस्तानी होने का एक और सबूत सामने आया. हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में नवेद के पिता ने कबूल किया है कि नवेद उसका ही बेटा है.

अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने दावा किया है कि उसने गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे के करीब पाकिस्तान में मौजूद मोहम्मद याकूब से फोन पर बात की जो उधमपुर में पकड़े गए आतंकी नवेद का पिता है. अखबार के मुताबिक एक मिनट 20 सेकेंड की बातचीत में मोहम्मद याकूब ने कहा कि मैं मारा जाऊंगा. लश्कर और फौज हमारे पीछे पड़े हैं. आप भारत से कॉल कर रहे हैं. हम मारे जाएंगे. मैं अभागा पिता हूं. लश्कर हमारे पीछे पड़ा है. लश्कर चाहता था कि नवेद मारा जाए, जिंदा ना पकड़ा जाए. कृपया उसे छोड़ दीजिए.

हिंदुस्तान टाइम्स का दावा है कि नवेद ने पूछताछ के दौरान अपने पिता का फोन नंबर बताया था लेकिन गुरुवार को हुई बातचीत के बाद से उनका फोन नंबर स्विच ऑफ आ रहा है.

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में जिंदा पकड़ा गया पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद नवेद उर्फ उस्मान कई राज खोल रहा है. नवेद जम्मू में ही है और एनआईए उससे पूछताछ कर रही है. नवेद ने ये खुलासा किया है कि उसने पाकिस्तान में 21 दिन तक ट्रेनिंग ली थी. नवेद ने ये भी बताया है कि वह एक चरवाहे की मदद से भारत में घुसा था.



जिंदा आतंकी नवेद खोल रहा है राज

नवेद ने कहां ली ट्रेनिंग ?
नवेद को किसने दी ट्रेनिंग ?
कहां से हुआ भारत में दाखिल ?
कैसे हुआ भारत में दाखिल ?
किसकी मदद से हुआ दाखिल ?

आतंकी नवेद सीमा पार रची गई साजिशों के खुलासे कर रहा है .

कहां ली आतंकी नवेद ने ट्रेनिंग ?


आतंकी नवेद ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसने मुजफ्फराबाद के गाड़ी-हबीबुल्लाह के ट्रेनिंग कैंप में 21 दिन की ट्रेनिंग ली थी और पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा पर मानशेरा के पास शिवाइनाला में भी 21 दिन ट्रेनिंग ली थी. सीमा पार पाकिस्तान के गाड़ी-हबीबुल्लाह में आतंकी नवेद के साथ 200 और आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी. और भारत में घुसपैठ से पहले इसकी मुलाकात लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर और हाफ़िज़ सईद के बेटे तल्ला सईद से भी हुई थी.

नवेद को लश्कर ने करीब 45 दिन पहले गाड़ी हबीबुल्लाह में अपने कैंप से कश्मीर के टंगमर्ग-गुलमर्ग सेक्टर से घुसपैठ करवाई थी. और उसे भारत एक चरवाहा लेकर आया था. नवेद ने पूछताछ में ये भी बताया कि उसके साथ नोमान समेत तीन और आतंकियों से सीमा से घुसपैठ की जिनमें से नोमान उसके साथ रहा जबकि दो अन्य आतंकी कहां गए इसकी जानकारी नवेद को नहीं है. नोमान बुधवार को बीएसएफ के काफिले पर हमले के बाद मारा गया था और वहीं से नवेद फरार होकर एक गांव में छिपा था जहां से उसे पकड़ लिया गया.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नोमान ने किसी और ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग ली थी. ट्रेनिंग में AK47, AK56, ग्रेनेड और आईईडी चलाना सिखाया गया था. कश्मीर में 45 दिन रहने के दौरान नवेद ने अपना अधिकतर समय लश्कर के आतंकियों के साथ और जंगलो में बिताया. कश्मीर में उसकी मुलाकात लश्कर के कमांडर अबु कासिम से भी हुई थी.
कासिम ज़िंदा पकड़ा गया, पांच अभी भी फिदायीन हमले की फिराक में
भारत में कैसे दाखिल हुआ नवेद ?

लश्कर ने नवेद को मंगलवार को कश्मीर से एक आटे से भरे ट्रक में जम्मू के लिए रवाना किया. मंगलवार शाम को नावेद और नोमान जम्मू के पटनीटॉप और कुद के बीच किसी होटल में रुके और वहां खाना भी खाया. बुधवार सुबह से वो होटल की खिड़की से ही जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही देखता रहा. जैसे ही उन्हें बीएसएफ का काफिला दिखा दोनों ने उसे ही अपना निशाना बनाने की साजिश रची.

सूत्रों के मुताबिक नावेद ने बताया है कि जैसे ही नोमान ने इस हमले को अंजाम दिया और वो सुरक्षाबलों की फायरिंग में मारा गया - वो काफी डर गया था ओर वहां से भागना चाहता था.

नावेद ने पूछताछ के दौरान कहा है कि उसे मारने से या पकड़ने से आतंकवाद काबू नहीं होगा, आतंकवाद को मिटाना है तो सीमा पार बैठे कमांडरों को काबू करना चाहिए.
 
Top