Palang Tod
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पाकिस्तान सिख समुदाय के नेताओं ने सरकार से सिख व्यवसायियों को छोड़ने के लिए तालिबान से बातचीत करने की अपील की है। ये अपील तालिबान द्वारा दो सिखों का कटा सिर मिलने की वीभत्स घटना के बाद की।
पाकिस्तान अल्पसंख्य काउंसिल के चेयरमैन सरदार बिशन सिंह और पाकिस्तान गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख सरदार शाम सिंह ने कहा कि अपह्रत सिखों को छुड़वाने के लिए पाक सरकार को पहल करनी चाहिए। समुदाय ने पेशावर के तनावग्रस्त उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में रहनेवाले सिखों को सुरक्षा मुहैया करवाने की अपील की है।
तालिबान ने अपह्रर्त सिखों के परिवारों से 30 मिलियन फिरौती की मांग की थी, और मांग पूरी न करने पर जसपाल सिंह की हत्या कर दी थी। जबकि एक अन्य सिख का छह महीने पहले अपहरण हुआ था और उन्हें 1.2 करोड़ फिरौती देकर छुड़वा लिया गया था।
सिखो के अधिकारों के लिए काम कर रहे अंसार बर्नी ने पाक सरकार को सुरक्षा मुहैया कराने की अपील करने के साथ ही ये बयान दिया है कि आखिर ये सिख भी पाकिस्तानी हैं। उन्होंने जल्दी ही हत्यारों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।
कल पाकिस्तान के कबायली इलाके में दो सिखों के सिर कटे शव मिले थे।, जबकि अभी चार और सिख तालिबान के कब्जे में हैं। 20 फरवरी को फिरौती देने की आखरी तारीख थी, इन लोगों का अपहरण उस वक्त कर लिया गया था जब ये व्यापार के काम से कबायली इलाकों में गए थे।
पाकिस्तान अल्पसंख्य काउंसिल के चेयरमैन सरदार बिशन सिंह और पाकिस्तान गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख सरदार शाम सिंह ने कहा कि अपह्रत सिखों को छुड़वाने के लिए पाक सरकार को पहल करनी चाहिए। समुदाय ने पेशावर के तनावग्रस्त उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में रहनेवाले सिखों को सुरक्षा मुहैया करवाने की अपील की है।
तालिबान ने अपह्रर्त सिखों के परिवारों से 30 मिलियन फिरौती की मांग की थी, और मांग पूरी न करने पर जसपाल सिंह की हत्या कर दी थी। जबकि एक अन्य सिख का छह महीने पहले अपहरण हुआ था और उन्हें 1.2 करोड़ फिरौती देकर छुड़वा लिया गया था।
सिखो के अधिकारों के लिए काम कर रहे अंसार बर्नी ने पाक सरकार को सुरक्षा मुहैया कराने की अपील करने के साथ ही ये बयान दिया है कि आखिर ये सिख भी पाकिस्तानी हैं। उन्होंने जल्दी ही हत्यारों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।
कल पाकिस्तान के कबायली इलाके में दो सिखों के सिर कटे शव मिले थे।, जबकि अभी चार और सिख तालिबान के कब्जे में हैं। 20 फरवरी को फिरौती देने की आखरी तारीख थी, इन लोगों का अपहरण उस वक्त कर लिया गया था जब ये व्यापार के काम से कबायली इलाकों में गए थे।