तू खुदा हो, हम अजां बन कर रहें.....

~¤Akash¤~

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दिल ये मेरा अब तेरा ही घर रहे
तू हो आँखों मे तू ही लब पर रहे

तू ना हो जिसमे भला वो ख्वाब क्या
आँखों में तू हो, कोई मंजर रहे

चाँद में देखूं तुझे मैं रात भर
साया बन के साथ तू दिनभर रहे

नूर बन के मैं चलू जो कभी कायनात मे
मेरी राहों मे सदा तू कहकशां बनकर रहे

तू खिजां सी हो कोई तो पीला पत्ता मैं बनूँ
बर्गे-गुल हो जाऊ मैं गर तू फिजां बनकर रहे

शबनमी बन कर जो बरसे तू कभी
तिशना-ए-लब मेरे भी शब् भर रहे

बंदगी ऐसी रहे यारब तेरे ही नाम की
तू खुदा हो, हम अजां बन कर रहें.....
 
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