Lyrics तुझ में रब्ब दिखता है...

sss_rc

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तू ही तो जन्नत मेरी,
तू ही मेरा जुनून..
तू ही तो मन्नत मेरी,
तू ही रूह का सुकून..
तू ही अख्खीयों की ठंडक,
तू ही दिल की है दस्तक..
और कुछ ना जानूँ मैं,
बस इतना ही जानूँ..
तुझ में रब्ब दिखता है,
यारा मैं क्या करूँ..॥

कैसी है ये दूरी,
कैसी मज़बूरी..
मैने नज़रो से,
तुझे छू लिया..
कभी तेरी खुशबू,
कभी तेरी बातें..
बिन माँगे ये,
जहाँ पा लिया..
तू ही दिल की है रौनक,
तू ही जन्मों की दौलत..
और कुछ ना जानूँ मैं,
बस इतना ही जानूँ..
तुझ में रब्ब दिखता है,
यारा मैं क्या करूँ..॥

छ्म-छ्म आए मुझे तरसाए,
तेरा साया छेड के चूमता..
तू जो मुस्काए,
तू जो शर्माए..
जैसे मेरा है खुदा झूमता..
तू ही मेरी है बर्कत,
तू ही मेरी इबादत..
और कुछ ना जानूँ मैं,
बस इतना ही जानूँ..
तुझ में रब्ब दिखता है,
यारा मैं क्या करूँ..॥

ना कुछ पूछा,
ना कुछ माँगा..
तूने दिल से दिया,
जो दिया..
ना कुछ बोला,
ना कुछ तोला..
मुस्कुरा के दिया,
जो दिया..
तू ही धूप,
तू ही छाया..
तू ही अपना-पराया..
और कुछ ना जानूँ मैं,
बस इतना ही जानूँ..
तुझ में रब्ब दिखता है,
यारा मैं क्या करूँ..॥
 
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