तो 10 रुपए तक सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल

jassmehra

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आने वाले दिनों में महंगाई घटने की संभावना है। क्रूड की गिरती कीमतें इस ओर इशारा कर रही हैं कि अगले कुछ महीनों में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के रेट में भारी गिरावट देखने को मिलेगी। क्रूड की कीमतों में लगातार गिरावट के चलते 29 साल पहले जैसे हालात बन रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार जैसे हालात बन रहे हैं, उसे देखते हुए पेट्रोल और डीजल 10 रुपए प्रति लीटर तक सस्ते हो सकते हैं। वहीं, नॉन सब्सिडाइज सिलेंडर की कीमतों में 20-25 रुपए की कमी आ सकती है। इंडियन ऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मनीभास्कर को बताया कि ऐसा इसलिए होगा क्योंकि, क्रूड में अभी भी गिरावट का दौर जारी रहेगा। ऐसे में दो से तीन बार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 10 रुपए तक और एलपीजी की कीमतों में 20-25 रुपए तक कमी आने की संभावना है।

बन रहे हैं 29 साल पहले जैसे हालात
साल 1986 में जब ओपेक देशों ने क्रूड के उत्पादन में जोरदार बढ़ोत्तरी की थी, तो सिर्फ 5 महीने के दौरान क्रूड का भाव 30 डॉलर से घटकर 10 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसल गए थे। इस साल भी हालात कुछ ऐसे ही बन रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनो में एलपीजी और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है।

1986 में 7 रुपए प्रति लीटर था पेट्रोल
1986 में अमेरिकी क्रूड की कीमत 10 डॉलर और ब्रेंट क्रूड जिसका हम आयात करते हैं, उसकी कीमत 12 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थी। उस वक्त पेट्रोल 7 रुपए प्रति लीटर और डीजल 3 रुपए प्रति लीटर के आसपास थे। वहीं, एलपीजी की कीमत 50 रुपए से भी कम थी। हालांकि, गिरावट के बाद भी पेट्रोल की कीमतें 7 रुपए प्रति लीटर नहीं पहुंच सकती, क्योंकि...

> उस वक्त पेट्रोल पर नहीं लगता था वैट और अन्य टैक्स भी कम थे।
> सरकार देती थी पेट्रोल-डीजल पर सब्सिडी।
> डॉलर के मुकाबले इतना कमजोर नहीं था रुपया। 1 डॉलर के मुकाबले 13 रुपए था स्तर। जो अब बढ़कर 66 रुपए के करीब पहुंच गया है।


40 डॉलर के नीचे फिसला क्रूड
साल 1986 के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिकी ऑयल मार्केट में इतने लंबे समय तक गिरावट दर्ज की गई है। बीते आठ हफ्तों में अमेरिका में क्रूड ऑयल प्राइस 33 फीसदी तक कम हुई हैं। पिछले साढ़े छह साल में यहां क्रूड ऑयल सेक्टर में यह सबसे बड़ी गिरावट है। ब्रेंट ऑयल प्राइस में भी 2.75 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और यह 45.33 प्रति बैरल हो गई है। बीते कारोबारी सत्र के दौरान डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 39.86 डॉलर प्रति बैरल तक फिसल गई थी। 2009 के बाद पहली बार क्रूड के दाम 40 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आए हैं।

10 से 20 डॉलर तक आ सकती है क्रूड की कीमत
अमेरिकी बैंक सिटीग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार जून से अब तक क्रूड की कीमतों में 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। इसके बावजूद बड़े क्रूड उत्पादक देश उत्पादन में कटौती नहीं कर रहे हैं। इसलिए ग्लोबल मार्केट में क्रूड की ओवर सप्लाई है। बैंक के मुताबिक डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 32 डॉलर प्रति बैरल तक फिसल सकती है। अमेरिकन फाइनेंशियल एनालिस्ट गैरी शिलिंग के मुताबिक अमेरिकी क्रूड की कीमतें 10 से 20 डॉलर प्रति बैरल के बीच आ सकती हैं। शिलिंग ने कहा कि ओपेक उत्पादन में कटौती के लिए तैयार नहीं है, वहीं अमेरिका में भी क्रूड उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है।

महंगाई से मिलेगी राहत
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पिछले दो महीने में 4 बार पेट्रोल और 5 बार डीजल की कीमतों में कटौती की है। कीमतों में कटौती से सस्ता करने से महंगाई के मामले में आम जनता को थोड़ी राहत मिलेगी। डीजल के दाम घटने से जहां एक ओर मालभाड़े में कमी होगी, वहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कॉस्*ट में भी कटौती होगी। देश में अधिकांश माल की ढुलाई सड़क मार्ग से ट्रकों के जरिए होती है। ऐसे में डीजल सस्*ता होने से माल भाड़ा कम हो सकता है। सब्*जी, फल और दालों के दाम कम हो सकते हैं। इसके अलावा बसों का किराया भी घट सकता है, जिससे आम जनता को कुछ राहत मि*लेगी। कई छोटे उद्यमी अपने माल की ढुलाई के लिए ट्रकों पर निर्भर हैं और डीजल सस्*ता होने से उनकी माल भाड़ा लागत कम होने से उनके मुनाफे में वृद्धि हो सकती है।
 
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