शर्त की लत ने बनाया लखपति

शर्त की लत ने बनाया लखपति
एक बूढ़ी औरत शहर के सबसे बड़े बैंक में पहुंची।
उसने मैनेजर से कहा : मुझे इस बैंक में कुछ रुपये जमा करने हैं।
मैनेजर : कितने?
वृद्धा : होंगे कोई दस एक लाख।
मैनेजर : वाह क्या बात है। आपके पास तो काफी पैसा है। आप करती क्या हैं?
वृद्धा : कुछ खास नहीं, बस शर्तें लगाती हूं।
मैनेजर : शर्त लगा-लगा कर आपने इतना सारा पैसा कमाया है? कमाल है...
वृद्धा : कमाल कुछ नहीं है, बेटा! मैं अभी 1 लाख रुपये की शर्त लगा सकती हूं कि तुमने अपने सिर पर विग लगा रखा है।
मैनेजर हंसते हुए बोला : नहीं माताजी, मैं तो अभी जवान हूं और विग नहीं लगाता।
तो शर्त क्यों नहीं लगाते? वृद्धा बोली।
मैनेजर ने सोचा यह बूढ़ी औरत बेकार ही 1 लाख रुपये गंवाने पर तुली है, तो क्यों न मैं इसका फायदा उठाऊं? मुझे तो मालूम ही है कि मैं विग नहीं लगाता। मैनेजर 1 लाख की शर्त लगाने को तैयार हो गया।
वृद्धा : चूंकि मामला 1 लाख रुपये का है, इसलिए मैं कल सुबह ठीक 10 बजे अपने वकील के साथ आऊंगी और उसी के सामने शर्त का फैसला होगा ।
मैनेजर ने कहा : ठीक है, बात पक्की... मैनेजर को रात भर नींद नहीं आई। वो 1 लाख रुपये और उस बूढ़ी औरत के बारे में सोचता रहा।
अगली सुबह ठीक 10 बजे वो बूढ़ी औरत अपने वकील के साथ मैनेजर के केबिन में पहुंची और कहा : क्या आप तैयार हैं?
मैनेजर : बिलकुल।
वृद्धा : लेकिन चूंकि वकील साहब भी यहां मौजूद हैं और बात 1 लाख की है, इसलिए मैं तसल्ली करना चाहती हूं कि सचमुच आप विग नहीं लगाते। इसके लिए मैं अपने हाथों से आपके बाल नोचकर देखूंगी।
मैनेजर ने पल भर सोचा और हां कर दी।
आखिर मामला एक लाख रुपये का था। वृद्धा मैनेजर के पास पहुंची और आराम से उसके बाल नोचने लगी।
अचानक वकील साहब अपना माथा दीवार पर ठोंकने लगे।
मैनेजर : अरे.. अरे.. वकील साहब को क्या हुआ?
वृद्धा : कुछ नहीं, इन्हें सदमा लगा है। मैंने इनसे 5 लाख रुपये की शर्त लगाई थी कि आज सुबह 10 बजे मैं शहर के सबसे बड़े बैंक के मैनेजर के बाल नोचकर दिखा दूंगी!
 
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