स्वाइन फ्लू की फिर दस्तक

जनवरी में पड़ी कड़ाके की ठंड से फ्रीज हुआ स्वाइन फ्लू पिछले साल की तरह एक बार फिर जून में गर्म होने लगा है। केरल, महाराष्ट्र के बाद इस नामुराद बीमारी ने पंजाब में फिर दस्तक दे दी। मानसा के करीब 40 वर्षीय व्यक्ति को स्वाइन फ्लू का मरीज होने के शक में यहां के दयानंद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जिला स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार, मानसा के रूप सिंह को स्वाइन फ्लू का संदिग्ध मरीज होने के कारण तीन दिन पहले यहां भर्ती कराया गया। इंटीग्रेटेडडिसीजिज सर्विलेंस प्रोग्राम के स्टेट नोडल अफसर डा. दीपक भाटिया ने सोमवार को बताया कि मरीज के रक्त के नमूने लेने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग को हिदायतें दे दी गई हैं। मंगलवार को रक्त के नमूने लेकर नई दिल्ली स्थित लैबोरेटरी भेजे जाएंगे। रिपोर्ट आने पर ही मामले की पुष्टि हो पाएगी।
गौरतलब है गत वर्ष जून महीने में ही स्वाइन फ्लू ने प्रदेश में दस्तक दी थी। जालंधर के अमरदास पब्लिक स्कूल से 31 विद्यार्थी व तीन अध्यापक अमेरिका से 12 जून 2009 की रात को कतर एयरलाइंस से लौटे थे। इनमें 17 वर्षीय करणजीत सिंह चड्ढा को स्वाइन फ्लू से पीड़ित पाया गया था। बाद के दिनों में स्वाइन फ्लू का कोई न कोई मरीज सामने आने लगा। नंवबर के पहले सप्ताह तक पॉजीटिव केसों की गिनती 39, दिसंबर के शुरू तक 67 पहुंच गई। तब तक पांच मरीजों की मौत भी हो चुकी थी। बढ़ती ठंड के दौरान दिसंबर में स्वाइन फ्लू के वायरस ने काफी कहर बरपाया। हर रोज पांच-सात नए मामले आने शुरू हो गए। दो जनवरी 2010 तक 135 नए मामले आने से मरीजों की गिनती 202 पहुंच गई। इन 30 दिनों में 28 मरीजों की मौत होने से मरने वाले मरीजों की गिनती 33 तक पहुंच गई। 15 जनवरी तक पड़ी कड़ाके की ठंड के चलते स्वाइन फ्लू ठंडा पड़ गया। मगर जनवरी के अंत तक 35 मरीजों की मौत के साथ 240 मरीजों के आंकड़े पर स्वाइन फ्लू फ्रीज हो गया।
अब मानसून की आहट के साथ ही केरल में इसके करीब 150 व महाराष्ट्र में लगभग दो दर्जन मामले सामने आ चुके हैं।
 
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