सोनिया ‘इटलीवाली बाई’ तो राहुल ‘युवराज’

मुंबई. शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे अपने विरोधियों का नामकरण करने के लिए मशहूर हैं। सोनिया गांधी को ‘इटलीवाली बाई’, राहुल गांधी को ‘युवराज’, छगन भुजबल को ‘लखोबा’ और नारायण राणो को ‘नारोबा’ का नाम देने वाले ठाकरे ने अपने भतीजे राज के जन्मदिन पर उनका नया नामकरण ‘धनाजीराव’ के रूप में किया है।

ठाकरे ने ‘धनाजीरावांचे नाक’ शीर्षक से सोमवार को अपनी पार्टी के मुखपत्र में मराठी में लिखे संपादकीय में भतीजे राज ठाकरे को लताड़ने का सिलसिला जारी रखा है। उन्होंने सवाल किया है कि क्या कांग्रेस को समर्थन देने से चार वर्ष पहले मनसे द्वारा निर्माण किये प्रश्न हल हो गये हैं? क्या मनसे के 13 विधायकों के समर्थन से कांग्रेस के चौथे उम्मीदवार की विजय होने पर मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने मुंबई में आने वाले परप्रांतीयों के भीड़ पर रोक लगा दी गई है? ‘धनाजीराव’ के समर्थन देने से क्या बिहार-उत्तर प्रदेश से मुंबई आने वाले सभी गाड़ियों को बंद करने का फरमान जारी किया गया है?


शिवसेना प्रमुख ने कहा कि विधान परिषद चुनाव से ‘धनाजीराव’ की मंशा जिस तरह से बेनकाब हो गया है। उसी तरह ‘धनाजीराव’ की मदद लेने वालों का असली चेहरा में जनता के सामने आ गया है। शिवसेना हमारे मामलों में अपनी नाक न घुसाये। इस प्रकार की चेतावनी राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्घव ठाकरे पर हमला बोलते हुए दी थी। ठाकरे ने इस बयान की भी जमकर खबर ली है। उन्होंने कहा, ‘शिवसेना की नाक है। यह उसने माना है। पर जिनकी नाक कांग्रेवालों ने काट ली है।


उनका क्या?’ शिवसेना प्रमुख ने अपनी ठाकरीशैली में कहा, ‘शिवसेना गरीबों की और मध्यमवर्गीय लोगों की पार्टी होने की वजह से उसकी खुद की नाक है। यह नाक होने की वजह से ही शिवसेना के स्वाभिमान का समय-समय पर दर्शन होता है। ’ उन्होंने राज से सवाल किया है कि तुम्हे नाक की जगह क्या कोहिनूर हिरा है? चार-पांच सौ करोड़ का कोहिनूर हिरा महंगा होने की वजह से तुम्हे कहीं भी नाक घुसाते नहीं बनता है! महत्वपूर्ण है कि विधान परिषद चुनाव में शिवसेना प्रत्याशी अनिल परब की हार के बाद से ही शिवसेना और मनसे के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। ठाकरे ने इसकी शुरुआत मनसे को ‘धनसे’ पार्टी कह कर की। जिसके जवाब में राज ने भी प्रेस कांफ्रेंस लेकर बकायदा शिवसेना पर जोरदार हमला बोला।
 
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