सिख दंगे में अमिताभ के खिलाफ एक और गवाह साम&#2

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सिख दंगे में अमिताभ के खिलाफ एक और गवाह सामने आया



अमृतसर।। 1984 के सिख विरोधी दंगों से अमिताभ बच्चन का पीछा छूट नहीं पा रहा है। इस मामले में एक और 'गवाह' ने दावा किया है कि अमिताभ ने सिखों के खिलाफ दंगाइयों को भड़काया था। कैलिफॉर्निया में रह रहे 52 वर्षीय मंजीत सिंह ने कहा है कि उन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में अमिताभ बच्चन को भीड़ में एक सिख की ओर इशारा करके सिख विरोधी नारा लगाते हुए देखा था।

इससे पहले दंगों की प्रमुख गवाह जगदीश कौर और बाबू सिंह दुखिया ने अकाल तख्त से अमिताभ की शिकायत की थी। इन दोनो का आरोप है कि उन्होंने दूरदर्शन पर अमिताभ को 'खून का बदला खून से लेंगे' का नारा लगाते हुए देखा था। दोनों ने दावा किया था कि उनके पास इसकी क्लिपिंग भी है।

इसके बाद एक दिसंबर को अमिताभ ने अकाल तख्त और और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को चिट्ठी लिखकर अपनी सफाई दी थी। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि 84 के दंगों में उन्होंने किसी को नहीं भड़काया था और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप सच नहीं है। 22 दिसंबर को पांच सिंह साहिबान की बैठक में इस पर विचार-विमर्श करने का फैसला किया गया है।

ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन (पीरमोहम्मद) के अध्यक्ष करनैल सिंह ने बताया कि इस मामले में बुधवार को मंजीत सिंह सैनी आगे आए हैं। उनका दावा है कि उन्होंने अमिताभ को खुद सिख विरोधी नारा लगाते देखा और सुना था।

करनैल सिंह ने बताया कि मंजीत सिंह मूल रूप से दिल्ली के हैं। मंजीत ने सिखों को न्याय दिलाने के लिए काम कर रहे एक संगठन के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह से संपर्क साधकर कहा कि वह उस समय एम्स के सामने मौजूद थे, जब 31 अक्टूबर 1984 को अमिताभ कथित रूप से सिख विरोधी नारे लगा रहे थे। गुरपतवंत सिंह ने अपने मेल में कहा है कि मंजीत सिंह ने मुंह खोलने का फैसला अमिताभ के निर्दोष होने के दावे को देखते हुए किया है।

उन्होंने बताया कि मंजीत सिंह 1985 में भी अमिताभ के खिलाफ दिल्ली पुलिस के तत्कालीन सीनियर अधिकारी वेद मारवाह के सामने बयान दे चुके हैं। उस समय सिख दंगे की जांच मारवाह ही कर रहे थे। मंजीत का यह भी आरोप है कि अमिताभ के खिलाफ उनके लिखित बयान के बाद भी मारवाह ने कोई कार्रवाई नहीं की।

 
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