राज्यों की सहमति के बिना भी अदालतें दे सकत&#23

उच्चतम न्यायालय ने आज व्यवस्था दी कि अदालतों के पास राज्य सरकारों की सहमति के
बगैर सीबीआई जांच के आदेश देने की शक्ति है लेकिन साथ ही कहा कि इसका उपयोग
कभी.कभार और एहतियात से किया जाना चाहिए।

प्रधान न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने अपने सर्वसम्मत फैसले
में कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों को इस तरह की शक्तियों का इस्तेमाल
सतर्कतापूर्वक करना चाहिए। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति आर. वी.
रविन्द्रन, न्यायमूर्ति डी. के. जैन, न्यायमूर्ति पी. सदासिवम और न्यायमूर्ति जे.
एम. पंचाल शामिल थे।

संविधान पीठ ने कहा कि ऐसी शक्ति का इस्तेमाल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व वाले मामलों में असाधारण और विशिष्ट हालात में कभी.कभार
किया जाना चाहिए। अन्यथा, सीबीआई के पास नियमित मामलों में ऐसे निर्देशांे की बाढ़
आ जाएगी।
 
Top