Punjab News राजिंदर राणा फिर बने मोहाली नगर परिषद के प&#23

मोहाली. राजिंदर सिंह राणा करीब तीन माह बाद फिर मोहाली नगर परिषद के अध्यक्ष बन गए हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस आलोक सिंह ने लोकल बॉडीज विभाग के प्रिंसिपल सेकेट्ररी द्वारा 9 अप्रैल को दिए गए राणा को बर्खास्त करने के आदेश को खारिज करते हुए उनकी अध्यक्ष पद पर बहाली बरकरार रखी है। सोमवार को कोर्ट द्वारा दिए गए इस आदेश के बाद अकाली पार्षदों में हड़कंप मच गया।

लोकल बॉडीज विभाग के प्रिंसिपल सेकेट्ररी ने राजिंदर सिंह राणा के खिलाफ 2007 से चल रहे अधिकारों का दुरुपयोग करने के केस में उन्हें बर्खास्त किया था। राणा पर आरोप था कि उन्होंने अधिकारों का दुरुपयोग कर कुछ कर्मचारियों के तबादले किए और शहर में सफाई के ठेकों के टेंडर दो बार रद्द कर परिषद को नुकसान पहुंचाया। यह शिकायत तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी ने लोकल बॉडीज विभाग से की थी। इसके बाद 14 अप्रैल को नगर परिषद के 30 पार्षदों में से 20 के समर्थन से कुलवंत सिंह को नगर परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

राणा के वकीलों ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर अब तक चार बार सुनवाई हुई। राणा के वकीलों ने अदालत को बताया कि उन्हें राजनीतिक रंजिश के चलते बर्खास्त किया गया है। उन्होंने अदालत को बताया कि सफाई ठेकों के टेंडर रद्द करने का मकसद उन्हें संशोधित कर दोबारा टेंडर मांगना था, ताकि अधिक से अधिक ठेकेदार इसमें शामिल हो सकें। दोबारा टेंडर देने के बाद परिषद को आर्थिक फायदा हुआ है। जिन कर्मचारियों का तबादला किया गया था, वे मोहाली नगर परिषद के कर्मचारी थे, जिनका तबादला परिषद में ही किया गया था, न कि कहीं और। तबादले के अधिकार अध्यक्ष को पंजाब म्युनिसिपल एक्ट के तहत मिले हुए हैं।

राजिदर सिंह राणा ने कहा कि अकाली सरकार ने उन्हें कांग्रेसी होने के नाते अफसरशाही का गलत इस्तेमाल कर हटाया था। उन्हें लोगों ने चुना है और उनका कार्यकाल अभी करीब एक वर्ष बाकी है। उधर, कुलवंत सिंह ने कहा कि अदालत का फैसला सर्वोच्च है, वे उसका आदर करते हैं। इस फैसले के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए कानूनी राय ली जा रही है।
 
Top