भीग जाती है जो पलके कभी तन्हाई में चौक उठता हूँ, मेरा दर्द कोई जान न ले यू भी डरता हूँ की ऐसे में अचानक कोई, मेरी आँखों में तुम्हे देख के पहचान न ले