पानी ने करा ही दी चौटाला और बादल में लड़ाई

अप्रत्याशित निर्णय ले लेने वाले इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने बेहद अप्रत्याशित तरीके से आज सबसे करीबी पारिवारिक मित्र और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ पहली बार सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पानी की रायल्टी की मांग करने से पहले उन्हें इस मुद्दे का कानूनी ज्ञान लेना चाहिए था। उन्होंने आज यहां तक कह दिया कि बादल को ऐसी सलाह देने वाले सलाहकार को तो फांसी पर लटका देना चाहिए।
पानी की रायल्टी के मुद्दे पर बादल को आड़े हाथों लेते हुए चौटाला ने कहा कि वह बादल से पूछना चाहते हैं कि बादल किस बात की रायल्टी की मांग कर रहे हैं। धरती पर बहने वाले पानी की क्या रायल्टी होती है। ऐसे तो हिमाचल प्रदेश भी रायल्टी की मांग करेगा क्योंकि नदियां वहां से बहकर आती हैं और फिर तिब्बत और उसके बाद चीन। उन्होंने कहा कि यह पंजाब की सरकारों की ओर से चुनाव नजदीक आते ही उठाया जाने वाला एक आम चुनावी हथकंडा है। पंजाब में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब का पानी हरियाणा को नहीं देने के बारे में एक अधिनियम ही पारित कर दिया था।

चौटाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से दिए गए रायल्टी नहीं देने के बयान पर भी हैरानी जताई और कहा कि हुड्डा को यह तक नहीं पता कि रायल्टी बनती ही नहीं है। हुड्डा सिर्फ रायल्टी नहीं देने की बात कह रहे हैं और पानी के हक का मुद्दा नहीं उठा रहे। चौटाला ने इस मुद्दे पर विधानसभा का आपातकालीन सत्र और सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा कि विधानसभा में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार द्वारा पारित अधिनियम रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया जाए।
 
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