मौत की सजा से बच पाएंगे 17 भारतीय?

शारजाह में एक पाकिस्तानी नागरिक की हत्या के जुर्म में सजा-ए-मौत का सामना कर रहे 17 भारतीयों के मामले की सुनवाई 19 मई को यूएई की ए
क अपीलीय अदालत करेगी। यहां भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से इस मामले की पैरवी कर रही वकील ने यह जानकारी दी है।

वकील बिंदु सुरेश चेत्तूर ने पीटीआई को बताया कि हमने 8 अप्रैल (बुधवार) को अपील दायर कर दी है और डिफेंस के लिए पूरे फाइल का इंतजार कर रहे हैं, जिससे हमें पूरे केस की स्टडी करने में मदद मिलेगी। मामले की सुनवाई 19 मई को तय की गई है।

चेत्तूर के अनुसार, एक नैशनल लॉयर अपीलीय कोर्ट में यह केस लड़ेगा, क्योंकि यूएई में नियम है कि विदेशी वकील लोकल कोर्ट में मुकदमा नहीं लड़ सकते। भारतीय वाणिज्य दूतावास ने शारजाह की एक शरीयत कोर्ट द्वारा 29 मार्च को 17 भारतीयों को मौत की सजा सुनाने के बाद चेत्तूर की लीगल कंपनी से मदद मांगी थी। इन 17 भारतीयों पर पिछले साल जनवरी में एक पाकिस्तानी की हत्या करने और तीन अन्य लोगों को जख्मी करने का दोषी ठहराया गया था।

चेत्तूर ने कहा कि हमारी याचिका इस बात पर आधारित होगी कि एक ही अपराध के लिए 17 लोगों को कसूरवार नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि इनके द्वारा किए गए अपराध एक ही डिग्री के नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि मैं अपील प्रक्रिया का सकारात्मक नतीजा आने की उम्मीद कर रही हूं, क्योंकि मैंने पहले भी इस तरह के केस हैंडल किए हैं।

शुरुआती फैसले के मुताबिक घटना वाले दिन करीब 50 लोगों ने पाकिस्तानी नागरिक पर चाकुओं से हमला किया। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने 17 भारतीयों को गिरफ्तार किया, जिन पर इस हमले को अंजाम देने का आरोप था। बाकी लोगों को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया। अदालती सुनवाई के दौरान सभी अभियुक्तों ने पाकिस्तानी नागरिक से लड़ाई होने और उसकी हत्या के जुर्म का इकबाल कर लिया। फरेंसिक रिपोर्टों और डीएनए टेस्टों में भी अपराध में इन लोगों के शामिल होने की पुष्टि हो गई थी।
 
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