मूर्ति गणेश की, अन्दर दौलत देश की
लोगों देखो ध्यान से, पूछो इस बेईमान से
क्या चक्कर है, हो आज हमारी टक्कर है
मूर्ति गणेश की...
गली-गली में शोर है, साधू नहीं ये चोर है
ऊपर से कुछ और है, अन्दर से कुछ और है
तुम इसको पहचान लो, ओ दीवानों जान लो
क्या चक्कर है...
लेकर उसका नाम तू, करता है ये काम तू
काहे को भगवान को, करता है बदनाम तू
काग़ज़ सा धुल जाएगा, भेद तेरा खुल जाएगा
क्या चक्कर है...
ये कोई शैतान है, ये पापी इन्सान है
ये मेरा अपमान नहीं, धर्म का ये अपमान है
रोके ये भगवान को, रोको इस शैतान को
क्या चक्कर है...
लोगों देखो ध्यान से, पूछो इस बेईमान से
क्या चक्कर है, हो आज हमारी टक्कर है
मूर्ति गणेश की...
गली-गली में शोर है, साधू नहीं ये चोर है
ऊपर से कुछ और है, अन्दर से कुछ और है
तुम इसको पहचान लो, ओ दीवानों जान लो
क्या चक्कर है...
लेकर उसका नाम तू, करता है ये काम तू
काहे को भगवान को, करता है बदनाम तू
काग़ज़ सा धुल जाएगा, भेद तेरा खुल जाएगा
क्या चक्कर है...
ये कोई शैतान है, ये पापी इन्सान है
ये मेरा अपमान नहीं, धर्म का ये अपमान है
रोके ये भगवान को, रोको इस शैतान को
क्या चक्कर है...