मुझे टच न करें: हनीप्रीत; पुलिस- अफसर सवाल भी

मुझे टच न करें: हनीप्रीत; पुलिस- अफसर सवाल भी करेगी, टच भी करेगी



पुलिस हनीप्रीत को पूछताछ के लिए बठिंडा में लेकर गई। देर शाम ये वापस पंचकूला आ गए। उसने कुछ भी खुलासा नहीं किया।
हनीप्रीत से गुरुवार को करीब ढाई घंटे पूछताछ हुई।

पंचकूला/बठिंडा.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह की राजदार और पंचकूला में हुए दंगों की आरोपी हनीप्रीत इंसां हरियाणा पुलिस की एसआईटी को पूछताछ में मदद नहीं कर रही है। उसने पुलिस अफसरों से कहा कि मुझे कोई टच भी नहीं कर सकता है। एक अफसर ने कहा- हम कुछ नहीं करेंगे, लेकिन महिला अफसर बात भी करेगी, पूछताछ भी करेगी, टच भी करेगी। हरियाणा पुलिस गुरुवार को हनीप्रीत और उसकी साथी सुखदीप कौर को लेकर बठिंडा पहुंची थी। सुखदीप यहीं की रहने वाली है। यहां करीब ढाई घंटे तक पूछताछ की गई। बता दें कि पुलिस ने दोनों को मंगलवार को पंजाब से अरेस्ट किया था।
बठिंडा में इंटेरोगेशन में हनीप्रीत इंसां ने 6 सवालों के गोलमोल जवाब दिए

- गुरुवार सुबह पुलिस हनीप्रीत और उसकी साथी सुखदीप को पंचकूला के सेक्टर-23 थाने से निकाल कर सेक्टर-20 ले गई। फिर उन्हें बस से बठिंडा ले जाया गया। यहां हनीप्रीत को देखने के लिए जगह-जगह भीड़ देखी गई।
- देर शाम तक पुलिस हनीप्रीत को लेकर वापस पंचकूला आ गई। हालांकि, इस दौरान पुलिस के हाथ कुछ खास नहीं लगा है। सिर्फ ये पता चला है कि हनीप्रीत जब दिल्ली गई थी तो उसके साथ दो गाड़ियां थीं। पंजाब के ही कुछ लोगों ने उसकी मदद की थी। हनीप्रीत ने पुलिस के किसी भी सवाल का ठीक से जवाब नहीं दिया। ज्यादातर सवालों के जवाब में ना में गर्दन हिलाती रही। कई सवालों पर कहा- मुझे याद नहीं कि कहां-कहां गई थी।
- बता दें कि डेरा प्रमुख के परिवार और दूसरे खर्चों की पेमेंट हनीप्रीत के हाथ से ही होती थी। इसलिए 39 दिनों तक फरार रहने के दौरान उसे किसी भी तरह से रुपयों की तंगी नहीं आई।
Q- फरार होने के दौरान किन-किन लोगों से मिली और रुपए का सर्कल कैसे घुमाया गया?
A-सिर हिलाकर मना किया और कहा- कुछ याद नहीं हैं। मैं किसी से मिली नहीं।
Q- डेरे का कैश का काम तुम संभालती थी, तुमने ही 17 अगस्त को मीटिंग ली थी?
A- क्या हर मीटिंग दंगा करवाने के लिए होती है।
Q- पंजाब में जिनके साथ रही हो, उनके बारे में बताओ?
A-सुखदीप के साथ थी मैं तो।
Q- आखिर बार-बार रुपए देने के लिए किसे कॉल करती थी, तुम्हारे नंबर और मोबाइल कहां हैं?
A-कोई रुपए देने के लिए नहीं आया, मेरे पास नंबर भी नहीं हैं।
Q- तुमने दंगा क्यों करवाया?
A-सिर हिलाकर मना कर दिया और चुप रही। कुछ बोली ही नहीं।
Q- दंगों के लिए क्या प्लानिंग की थी?
A- मेरी कोई प्लानिंग ही नहीं थी।
अंदर की बात: हनीप्रीत ने कहा- मुझे कोई टच भी नहीं कर सकता
- पुलिस सूत्रों ने DainikBhaskar.com को बताया- "जब मंगलवार रात आईजी लेवल के अधिकारी हनीप्रीत से बात कर रहे थे तो उसने कहा- तुम लोग मुझे घेरकर ऐसे पूछताछ नहीं कर सकते हो, मुझे कोई टच भी नहीं कर सकता है। एक अफसर ने कहा- कुछ नहीं करेंगे। लेकिन महिला अफसर बात भी करेगी, पूछताछ भी करेगी और टच भी करेगी।
हनीप्रीत ने चमकौर को दिए थे सवा करोड़
- हनीप्रीत के बारे में चौंकाने वाले खुलासा हुआ है। पता चला है कि हनीप्रीत ही डेरे में फाइनेंस का काम संभालती थी। पंचकूला में हुए दंगे को लेकर 17 अगस्त की मीटिंग के बाद डेरा समर्थक चमकौर को सवा करोड़ रुपए देकर उसी ने भेजा था।
सुखदीप ने बताया कि कैसे हनीप्रीत ने पुलिस को छकाया
- पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुखदीप ने पुलिस को बताया कि हनीप्रीत की डेरे के अंदर अभी भी साख है। वो अब भी जिस किसी को कॉल करती थी, वो किसी न किसी के हाथ रुपए उसके पास पहुंचा देता था। उसके पास खुला कैश आता था। हनीप्रीत के पास कई मोबाइल सिम कार्ड रहे हैं, वो कई कार्ड तोड़ भी देती थी और कई फेंक देती थी। गाड़ी में अपनी ओर के शीशे पर तौलिया लगाकर रखती थी। रूट के बारे में भी उसे पूरी जानकारी है, क्योंकि हमने कभी कहीं किसी से रास्ता नहीं पूछा।
- दिल्ली कोर्ट में मैं उसके साथ थी, हम दोनों बठिंडा से ही गए थे। उसके बारे में मेरे रिश्तेदारों को पूरी जानकारी थी। उनके मकान में ही हम बठिंडा में रह रहे थे।
- हनीप्रीत के पास इंटरनेशनल नंबर मौजूद थे, जब भी उसे कोई जरूरी बात करनी होती थी, तो वो मुझे गाड़ी से नीचे जाने को कहती थी।
- उसे मीडिया की हर खबर के बारे में पूरी जानकारी थी, क्योंकि वो मोबाइल पर चैनलों और न्यूजपेपर्स की खबरों को देखती थी। डेरे से हमारे परिवार के पुराने रिलेशन हैं। हमें हनीप्रीत की बात माननी थी, बाबा के बाद इसका ही हुक्म चलता था।
25 अगस्त को फरार हो गई थी हनीप्रीत
- राम रहीम को रेप केस में दोषी करार दिए जाने के बाद हनीप्रीत बाबा के साथ पुलिस के हेलिकॉप्टर से रोहतक की सुनारिया जेल पहुंची थी। उसने बाबा के साथ अंदर जाने की जिद की थी, लेकिन पुलिस ने उसे वहां से बाहर भेज दिया था। इसके बाद से हनीप्रीत गायब थी। वहीं, डेरे की चेयरपर्सन विपासना इंसां का कहना है कि हनीप्रीत 25 अगस्त की रात को उसके साथ डेरा सच्चा सौदा सिरसा आई थी। इसके बाद अगले दिन वह वहां से निकल गई। फिर 39 दिन उसका कोई अता-पता नहीं चला।

कौन है हनीप्रीत इंसां?
- हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा और मां आशा तनेजा फतेहाबाद के रहने वाले हैं। हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है। हनीप्रीत के पिता राम रहीम के अनुयायी थे। वे अपनी सारी प्रॉपर्टी बेचने के बाद डेरा सच्चा सौदा में अपनी दुकान चलाने लगे। 14 फरवरी 1999 को हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की सत्संग में शादी हुई। इसके बाद बाबा ने हनीप्रीत को अपनी तीसरी बेटी घोषित कर दिया।
- हनीप्रीत राम रहीम के प्रोडक्शन में बनी फिल्मों में एक्टिंग और डायरेक्शन भी कर चुकी है। बताया जाता है कि हनीप्रीत साए की तरह बाबा के साथ रहती थी। हनीप्रीत के पूर्व पति का आरोप है कि हनीप्रीत और राम रहीम के बीच नाजायज रिश्ते थे। उसने दोनों को एक बार आपत्तिजनक हालत में देखा था। जब राम रहीम को रेप केस में दोषी करार दिया गया तो हरियाणा में जमकर हिंसा भड़की। हनीप्रीत पर इस हिंसा की साजिश में शामिल होने का आरोप है।
 
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