~¤Akash¤~
Prime VIP
कुछ अश्क पलकों पे हैं थमे मेरी आँख में ना उतर अभी
ये कतरे जो हैं हकीर से तुझे दरिया बन के डुबो ना दे.
कुछ अश्क पलकों पे हैं थमे मेरी आँख में ना उतर अभी
ये कतरे जो हैं हकीर से तुझे दरिया बन के डुबो ना दे
अब हैं नहीं कोई रमक, मिल जाने दे मुझे ख़ाक में
मुझे आज मेरे हबीब तू बस दिल से कोई दुआ ना दे...
ये कतरे जो हैं हकीर से तुझे दरिया बन के डुबो ना दे.
कुछ अश्क पलकों पे हैं थमे मेरी आँख में ना उतर अभी
ये कतरे जो हैं हकीर से तुझे दरिया बन के डुबो ना दे
अब हैं नहीं कोई रमक, मिल जाने दे मुझे ख़ाक में
मुझे आज मेरे हबीब तू बस दिल से कोई दुआ ना दे...