Punjab News मैं गद्दार नहीं देश का वफादार हूं

जालंधर में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध जासूस सुहैल जाहिद अमीन ने सुरक्षा एजैंसियों की ओर से की गई पूछताछ में दावा किया कि वह गद्दार नहीं बल्कि देश का वफादार नागरिक है।

उसे पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद स्थित कैंप में आईएसआई ने हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी थी लेकिन वह उसके नापाक इरादों में लिप्त होने की बजाए वहां भाग गया था। सुहैल के कब्जे से एमबीए की ड्रिगी और एक पाकिस्तानी पासपोर्ट मिला है।

जालंधर पुलिस ने सुहैल को जम्मू कश्मीर के काउंटर इंटैलीजैंस विंग के हवाले कर दिया है। इस बात की पुष्टि जम्मू पुलिस के एएसआई एम.आर डार ने फोन पर की। उन्होंने बताया कि सुहैल के खिलाफ आठ जनवरी 2008 में दर्ज एफआरआई में गिरफ्तारी डाल दी गई है।

अब जम्मू में सुहैल से कांउटर इंटैलीजैंस और आईबी के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। उधर सुहैल के परिवार ने अदालत में जमानत याचिका दायर की है। कांउटर इंटैलीजैंस की क्लीन चिट मिलने के बाद सुहैल को जमानत मिलने की संभावना है।

ऐसे बनवाया पासपोर्ट: सुहैल ने बताया कि लाहौर में एमबीए की पढ़ाई के दौरान वह अपने परिवार के सम्र्पक में था। उसे घरवाले आर्थिक मदद भी भेजते थे। उसे एक एजैंट ने पासपोर्ट बनाकर दिया। जिसकी मदद से वह जर्मन फ्रांस और अन्य देशों में घूमकर आया था।

नेपाल के रास्ते भारत आया था: सुहैल ने खुलासा किया कि वह मई माह में नेपाल के रास्ते भारत आया और गोरखपुर के रास्ते जालंधर पहुंचा था। शहर में उसे आईबी और पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

मौका मिलते ही ट्रेनिंग कैंप से भाग निकला

बारामुल्ला के गांव डागीगाम निवासी सुहैल जाहिद का दावा है कि उसे और एक दर्जन कश्मीरी युवकों को 1996 में कुछ आतंकी जबरन सीमा पार ले गए। कुछ दिन उन्हें पाक अधिकृत कश्मीर में रखा गया।

उसके बाद मुजफरादबाद क्षेत्र में एक ट्रेनिंग कैंप में लाया गया। वहां पर आईएसआई के सीनियर अधिकारियों के निर्देश पर उन्हें 2 माह के दौरान हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई। इस दौरान वह मौका पाते ही भाग निकला। लाहौर में उसे कुछ अच्छे लोग मिले जिनकी मदद से वह वहीं रहकर पढ़ाई करने लगा और ट्यूशन पढ़ाने लगा।
 
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