लोकतंत्र के मंदिर में लड़ पड़े दो 'माननीय'

$hokeen J@tt

Prime VIP
लोकतंत्र के मंदिर में लड़ पड़े दो 'माननीय'



नई दिल्ली
संसद में अक्सर जुबानी जंग लड़ने वाले सत्ता पक्ष कांग्रेस और विपक्ष बीजेपी के नेता गुरुवार को संसद के गलियारे में न सिर्फ उलझ पड़े, बल्कि नौबत धक्का-मुक्की तक जा पहुंची।

यह घटना घटी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद व प्रवक्ता राशिद अल्वी और बीजेपी सांसद एसएस अहलूवालिया के बीच। बताया जाता है कि संसद के गलियारे में हुई इस धक्का-मुक्की में अहलूवालिया ने अल्वी से उनका फोन जबरदस्ती लेना चाहा। इसके लिए उन्होंने अल्वी को धक्का भी दे दिया, जिससे उनका चश्मा व अन्य सामान गिर पड़े।

घटना की शुरुआत यूआईडी आधार को लेकर हुई। इस मुद्दे पर बनी वित्त मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की गुरुवार को मीटिंग थी, जिसमें अल्वी और अहलूवालिया भी शामिल थे। अल्वी ने मीटिंग में इस बात पर आपत्ति जताई कि विपक्ष के कुछ लोग मीटिंग की गोपनीय बातें मीडिया को लीक करते हैं। अल्वी ने बताया, मीटिंग में मेरे मोबाइल पर किसी मीडियाकर्मी का फोन आया। उन्होंने मुझे अहलूवालिया समझकर मुझसे रिपोर्ट की जानकारी मांगी। इसके बाद मैंने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। मीटिंग खत्म होने के बाद जब अहलूवालिया ने मुझ पर झूठा आरोप लगाने का आरोप लगाया, तो मैंने उसी नंबर को डायल कर दिया। इत्तेफाक से इस बार भी उस रिपोर्टर ने मुझे अहलूवालिया समझकर बात की। मैंने स्पीकर ऑन कर रखा था। फोन की बात सुनते ही अहलूवालिया अपना आपा खो बैठे और उन्होंने मुझे धक्का देते हुए मेरा फोन छीनने की कोशिश की।

इस दौरान वहां दूसरे कई सांसद और मीडियाकर्मी भी मौजूद थे। अल्वी ने इसे संसद की गरिमा का अपमान बताया है। उन्होंने अहलूवालिया के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से इनकार करते हुए उन्हें माफ करने की बात कही है, लेकिन यह भी कहा है कि वह इस मामले को राज्यसभा के सभापति के सामने रखेंगे और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी व वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी से भी चर्चा करेंगे। वहीं, अहलूवालिया ने कहा कि अल्वी ने बेबुनियाद आरोप लगाए, जिससे यह नौबत आई। यह गंभीर मामला नहीं है। इस घटना के बारे में संसदीय पर्यवेक्षकों का मानना है कि आजादी के बाद यह पहला मामला है, जब संसद परिसर में नेताओं में हाथापाई हुई।

 
Top