लंका फतह के साथ एशिया कप पर कब्जा

15 साल का लंबा इंतजार खत्म हुआ और महेंद्र सिंह धोनी की टीम इंडिया ने एशिया कप पर कब्जा कर लिया। इससे पहले भारत ने शारजाह में 1995 में यह खिताब जीता था। इसके बाद वह तीन



बार फाइनल तक पहुंचा लेकिन श्रीलंका ने तीनों बार उसे कप तक नहीं पहुंचने दिया ।

टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए भारतीय टीम ने दिनेश कार्तिक की 66 रनों की बदौलत 50 ओवरों 6 विकेट के नुकसान पर 268रन बनाए। 269 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। मात्र 51 रन पर ही कप्तान कुमार संगकारा समेत टॉप ऑर्डर के उसके पांच खिलाड़ी पविलियन लौट गए थे। पूरी टीम 44.4 ओवर में 187 रन पर आउट हो गई। श्रीलंक की ओर से सबसे अधिक रन चमारा कापुगेदरा ने बनाए। वह 55 रन बनाकर नॉटआउट रहे।

इससे पहले भारत के टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के फैसले के बद अनुभवी ओपनर गौतम गंभीर को छोड़कर टॉप ऑर्डर के सभी बल्लेबाजों ने अच्छा योगदान दिया। घायल वीरेंद्र सहवाग के स्थान पर टीम में जगह पाने वाले ओपनर दिनेश कार्तिक ने अपने चयन को सार्थक साबित करते हुए शानदार फिफ्टी लगाई। कार्तिक ने 84 गेंद पर नौ चौकों की मदद से 66 रन बनाए। उन्होंने गंभीर ( 15) के साथ पहले विकेट के लिए 38, विराट कोहली (28) के साथ दूसरे विकेट के लिए 52 और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (38) के साथ तीसरे विकेट के लिए 46 रन की पार्टनरशिप की।

श्रीलंकाई गेंदबाजी में अनुशासन की कमी दिखी। पिछले मैच में भारत के खिलाफ हैट् ट्रिक लेने वाले फारवेज महरूफ ने पारी के शुरू में जमकर रन लुटाए। श्रीलंका की फील्डिंग सामान्य रही। महरूफ ने दो ऐसे चौके दिए जिन पर एक रन भी नहीं बनना चाहिए था।

भारत ने सातवें ओवर में ही गंभीर का विकेट गंवा दिया। अपना 100वां वनडे मैच खेल रहे बाएं हाथ के इस बैट्समैन को नुवान कुलशेखरा की लगातार गेंद पर जीवनदान मिला लेकिन वह इसका फायदा उठाने में नाकाम रहे। गंभीर का कैच पहले तिलना कदाम्बी ने स्लिप में छोड़ा और बाद में विकेटकीपर कुमार संगकारा ने उन्हें जीवनदान दिया, जो कि विकेटों के काफी करीब खड़े होकर विकेटकीपिंग कर रहे थे। इसके बाद गंभीर ने बेमतलब का दूसरा रन लेने की कोशिश में अपना विकेट गंवाया और उनके क्रीज तक पहुंचने से पहले ही थरंगा का थ्रो कुलशेखरा के पास पहुंच गया।

कार्तिक और कोहली जब क्रीज पर थे तब भारत अच्छी स्थिति में दिख रहा था। ऐसे समय में मलिंगा ने कोहली को विकेट के पीछे कैच कराकर श्रीलंका को अहम सफलता दिलाई। कार्तिक ने इसके बाद कामचलाऊ स्पिनर कदाम्बी की गेंद पर मिडविकेट में महेला जयवर्धने को कैच थमाने से पहले धोनी के साथ मिलकर भारतीय पारी संवारी।

पिछले 32 मैच में एक भी विकेट नहीं लेने वाले कदाम्बी ने इसके बाद अपनी लेग स्पिन से धोनी को भी पविलियन की राह दिखाकर भारत का स्कोर चार विकेट पर 167 रन कर दिया। रोहित शर्मा (41) और सुरेश रैना (29) ने पांचवें विकेट के लिए 52 गेंद पर 50 रन की पार्टनरशिप की। भारत का स्कोर 41वें ओवर में चार विकेट पर 217 रन था और लग रहा था कि वह 300 रन के करीब पहुंचने में सफल रहेगा लेकिन तभी मलिंगा की यॉर्कर पर रैना एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। अंतिम ओवरों में रोहित के साथ रविंदर जडेजा (नॉटआउट 25) ने उपयोगी रन जुटाए। हरभजन 7 रन बनाकर नॉटआउट रहे।
 
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