कसम ना देना कभी भूल जाने

कसम ना देना कभी भूल जाने की,
कसम दे दो चाहो तो मर जाने की,
बेफिक्रे से क्यों हो गए हो तुम अब,
हालत तो देख लो अपने दीवाने की,

तुम्हारी ही उलझने कम ना थी,
अब कैसे सहूंगा उलझने जमाने की,
कैसे भुलू में जानी पहचानी राहें,
गुजरे थे जहाँ हम थाम के बाहें,

जलती हूई शमां समझी है कब,
दर्द प्यार में जलते हूए परबाने की,
आखों की प्यास बुझा कर भी यह,
आखें क्यों प्यासी है मयखाने की,

तेरे बिन जीना है कुछ ऐसा जीना,
पल पल पडता है जहर जुदाई का पीना,
महसूस करके तो देखो एक बार तुम,
हर तरफ खुशबू है तेरे मेरे अफ़साने की,

आज तक समझ क्यों आया नही किसी के,
क्या बजह है दिल किसी पर आने की,
हालत तुम्हारी भी हमसे छिपी नहीं है,
प्यार की दुनिया में दर्द की कमी नहीं है,

कसम दे दो अब तो मुझे मर जाने की,
साँसे जाने कब से साथ छोड़ देती मेरा मगर,
आज भी यह राह तकती है तेरे आने की

By Vivek Netan
 
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