उन्हें कभी मुझे याद किये एक अरसा हुआ, वो उधर बेखबर , इधर मैं तरसा हुआ..... रो रोकर ऐसे खामोश हुई ये आँखें मेरी, जैसे खामोश हो कोई बादल बरसा हुआ...............