Ravivir
VIP
नई दिल्ली। देश में नकली नोट के प्रसार की खबरों के परिप्रेक्ष्य में भारतीय नोटों पर सुरक्षा के फीचर और बढाने की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने वित्त मंत्रालय में करेंसी महानिदेशालय स्थापित करने के प्रस्ताव को गुरूवार को मंजूरी दे दी।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।
निदेशालय के अध्यक्ष अतिरिक्त सचिव रैंक के महानिदेशक होंगे। सूत्रों ने बताया कि निदेशालय करेंसी नोट के सुरक्षा फीचर को मजबूत करने के तौर तरीके विकसित करेगा और इस क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले लोग तैयार करेगा।
निदेशालय बनाने का फैसला सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी शीलभद्र बनर्जी की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय समिति की सिफारिश पर किया गया है। बनर्जी समिति का गठन पिछले साल किया गया और उसे भारतीय मुद्रा की सुरक्षा से जुडे विभिन्न मुद्दों की समीक्षा का जिम्मा दिया गया था। समिति ने सिफारिश की थी कि वित्त मंत्रालय में स्थाई इकाई के रूप में निदेशालय का गठन किया जाए।
निदेशालय दुनिया भर में मुद्राओं की सुरक्षा के लिहाज से अपनाए जा रहे बेहतरीन तौर तरीकों की समीक्षा करेगा। वह भारतीय मुद्रा के सुरक्षा फीचर के उल्लंघन के मामलों का भी अध्ययन करेगा। साथ ही नए सुरक्षा फीचर की पहचान कर नियमित आधार पर इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास का वित्तपोषण करेगा।
वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीना ने संसद में कहा था कि निदेशालय के प्रयासों से नकली नोटों के प्रसार पर काफी अंकुश लगेगा।
बनर्जी समिति ने यह सुझाव भी दिया था कि बैंक नोट कागज उत्पादन, सुरक्षा इंक और सिक्का प्लेटिंग के काम का पूर्ण स्वदेशीकरण करने पर जोर दिया जाना चाहिए।
समिति ने इसके अलावा सिफारिश की थी कि भारत में बनने वाले करेंसी पेपर को उत्पाद शुल्क से छूट दी जानी चाहिए। साथ ही बैंक नोट पेपर बनाने के काम आने वाली मशीनरी के आयात पर सीमा शुल्क माफ करने का सुझाव दिया था।
समिति ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मल्टीमीडिया जागरूकता अभियान शुरू करने के लिए कहा था ताकि जनता को असली और नकली नोट का फर्क समझाया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।
निदेशालय के अध्यक्ष अतिरिक्त सचिव रैंक के महानिदेशक होंगे। सूत्रों ने बताया कि निदेशालय करेंसी नोट के सुरक्षा फीचर को मजबूत करने के तौर तरीके विकसित करेगा और इस क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले लोग तैयार करेगा।
निदेशालय बनाने का फैसला सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी शीलभद्र बनर्जी की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय समिति की सिफारिश पर किया गया है। बनर्जी समिति का गठन पिछले साल किया गया और उसे भारतीय मुद्रा की सुरक्षा से जुडे विभिन्न मुद्दों की समीक्षा का जिम्मा दिया गया था। समिति ने सिफारिश की थी कि वित्त मंत्रालय में स्थाई इकाई के रूप में निदेशालय का गठन किया जाए।
निदेशालय दुनिया भर में मुद्राओं की सुरक्षा के लिहाज से अपनाए जा रहे बेहतरीन तौर तरीकों की समीक्षा करेगा। वह भारतीय मुद्रा के सुरक्षा फीचर के उल्लंघन के मामलों का भी अध्ययन करेगा। साथ ही नए सुरक्षा फीचर की पहचान कर नियमित आधार पर इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास का वित्तपोषण करेगा।
वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीना ने संसद में कहा था कि निदेशालय के प्रयासों से नकली नोटों के प्रसार पर काफी अंकुश लगेगा।
बनर्जी समिति ने यह सुझाव भी दिया था कि बैंक नोट कागज उत्पादन, सुरक्षा इंक और सिक्का प्लेटिंग के काम का पूर्ण स्वदेशीकरण करने पर जोर दिया जाना चाहिए।
समिति ने इसके अलावा सिफारिश की थी कि भारत में बनने वाले करेंसी पेपर को उत्पाद शुल्क से छूट दी जानी चाहिए। साथ ही बैंक नोट पेपर बनाने के काम आने वाली मशीनरी के आयात पर सीमा शुल्क माफ करने का सुझाव दिया था।
समिति ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मल्टीमीडिया जागरूकता अभियान शुरू करने के लिए कहा था ताकि जनता को असली और नकली नोट का फर्क समझाया जा सके।