इश्क में और कुछ नहीं होता आदमी बावरा सा रहत&#2

~¤Akash¤~

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सहमा सहमा डरा सा रहता है जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है
काई सी जम गई है आँखों पर सारा मंज़र हरा सा रहता है

एक पल देख लूं तो उठता हूँ जल गया सब ज़रा सा रहता है
इश्क में और कुछ नहीं होता आदमी बावरा सा रहता है.....
 

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
Re: इश्क में और कुछ नहीं होता आदमी बावरा सा रह&#2340

:wah Bahut badhiya :wah
 
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