घाटी की हिंसा में लश्कर

केंद्र सरकार ने घाटी में जारी तनाव के बीच राज्य की उमर अब्दुल्ला सरकार को पूरा समर्थन दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री पी चिंदबरम ने कहा कि कश्मीर घाटी में हिंसक प्रदर्शनों के पीछे आतंकी संगठन लश्करे तैयबा का हाथ है। उन्होंने यह बात प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ कश्मीर के हालात पर हुई आपात चर्चा के बाद कही। इससे पहले पीएम के आवास पर घाटी में जारी तनाव को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री के अलावा रक्षा मंत्री एके एंटनी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन शामिल थे। हालांकि घाटी में सेना की तैनाती पर फिलहाल कोई फैसला नहीं किया गया है।

केंद्र कश्मीर के संकट से जूझने के लिए दोतरफा रणनीति के पक्ष में है। एक तरफ उसने सुरक्षा बलों से संयम बरतने को कहा है तो दूसरी ओर जनता से अपील की है कि वह किसी भी सूरत में कफ्यरू का उल्लंघन न करे। चिदंबरम ने कहा कि, हम घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने में राज्य सरकार को पूरा सहयोग देंगे। उन्होंने हालात जल्द सामान्य हो जाने की उम्मीद जताई। गृह मंत्री ने अरमनाथ यात्रियों को पूरी सुरक्षा दिए जाने का आश्वासन दिया।

उल्लेखनीय है कि कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सीआरपीएफ की कथित गोलीबारी में 11 मौतें हो चुकी हैं। करीब डेढ़ घंटे चली बैठक के बाद चिदंबरम से जब यह पूछा गया कि समस्या पैदा कर रहे राष्ट्रविरोधी तत्व कौन हैं, तो उन्होंने साफ किया कि केंद्र के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि इन राष्ट्रविरोधी तत्वों का संबंध लश्करे तैयबा से है जो सोपोर इलाके में सक्रिय हैं। इस बीच, रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर घाटी में शांति बहाल करने के लिए सेना राज्य प्रशासन को मदद देने को तैयार है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से अभी इसके लिए कोई आग्रह नहीं आया है।

श्रीनगर में प्रदर्शन :

इस बीच, श्रीनगर के नातिपोरा और बटमालू इलाकों में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों पर फिर पत्थरबाजी की। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए जवानों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। अनंतनाग जिले के कई इलाकों में भी पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं। अनंतनाग और कुलगाम जिलों के बिजबेहाड़ा, मट्टन, दोरू, कोकेरनाग, अच्छबल और पहलगाम इलाकों में बुधवार सुबह कफ्यरू लगा दिया गया। अनंतनाग में मंगलवार को प्रदर्शनों के दौरान सीआरपीएफ की कथित फायरिंग में तीन किशोर मारे गए थे। घाटी में हिंसक प्रदर्शनों की शुरुआत शुक्रवार को सोपोर से हुई थी। वहां दो आतंकियों के शवों की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए सीआरपीएफ की हवाई फायरिंग में दो युवक मारे गए थे।फिश प्लेट निकाली : बारामूला-काजीगंड रेललाइन पर बुधवार सुबह उस वक्त हादसा टल गया जब सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने श्रीनगर के बाहर रेललाइन पर फिश प्लेट उखड़ी हुई परई।
 
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