दर्शकों को हंसाएगी ‘लड़ गया पेंचा’

फन और एंटरटेनमेंट का मसाला है ‘लड़ गया पेंचा’। इस एंटरटेनमेंट को प्रसिद्ध कॉमेडियन गुरप्रीत घुग्गी का लीड रोल और बढ़ा देता है। पंजाबी फिल्म ‘लड़ गया पेंचा’ के प्रमोशन सिलसिले में गुरप्रीत घुग्गी और फिल्म की नायिका नवनीत कौर ने बताया कि यह फुल एंटरटेनमेंट मूवी है।


उनके मुताबिक जरूरी नहीं हर फिल्म कोई संदेश ही दे, क्योंकि एंटरटेनमेंट भी सिनेमा का ही पार्ट है। अपने किरदार के बारे में वह बताते हैं कि इस फिल्म में मेरी मां मेरी शादी को लेकर चिंतित है, लेकिन मैं शादी नहीं करना चाहता। ऐसे में किसी बाबा के कहने पर वह मुझे श्मशान में दीया जलाने भेजती है और वहां मेरा पेंच लड़ता है लवली (नवनीत कौर) से।


नवनीत की यह पहली पंजाबी फिल्म है। वह बताती हैं कि फिल्म की शूटिंग करते समय काफी मजा आया। पंजाबी फिल्मों का अपना ही अंदाज होता है। नवनीत के बारे में गुरप्रीत बताते हैं कि वह काफी टैलेंटेड हैं और दर्शक पहली ही फिल्म में उसे पसंद करेंगे।


‘लड़ गया पेंचा’ 26 मार्च को रिलीज होगी। निर्माता मनोज कुमार और निर्देशक अनमोल अरोड़ा हैं। गुरप्रीत घुग्गी और नवनीत कौर के अतिरिक्त प्रीति, शोमा आनंद, राणा जंग बहादुर, सविता भट्टी, गुलशन पांडे ने भी फिल्म में विभिन्न किरदार निभाएं हैं। इस मौके पर राहुल बंटी शामिल रही।


सरदार अब सिर्फ फन फैक्टर नहीं रहे: घुग्गी


सबको हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देने वाले गुरप्रीत घुग्गी का मानना है कि फिल्मों में सरदार अब फन फैक्टर नहीं रहे। घुग्गी कहते हैं कि पहले होता था कि सरदारों को शिमला की ठंड में भी लस्सी मांगते हुए दिखाया जाता था और खुशी हो या गम हर समय आहूं-आहूं करते हुए दिखाया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।


सिंह इज किंग, राकेट सिंह, लव आज कल जैसी फिल्मों ने सरदारों के प्रति नजरिए को बदला है। गुरप्रीत कहते हैं कि मैं भी ऐसे ही किरदार लेना पसंद करता हूं जिसमें अपने पंजाब का प्रतिनिधित्व कर सकूं, न कि सरदारों का मजाक बनवाऊं। गुरप्रीत कहते हैं कि पंजाबी उनका पहला प्यार है, इसलिए वह चाहे कितना भी व्यस्त क्यों न हों पंजाबी के लिए हमेशा समय रहता है।


रिएलिटी शोज के बारे में वह कहते हैं कि आजकल के रिएलिटी शोज में रिएलिटी तो होती ही नहीं है। रिएलिटी शोज मॉडिफाइड होते हैं। टीआरपी बढ़ाने के लिए झूठे झगड़े करवाए जाते हैं, लोगों के कमरों में कैमरों से झांका जाता है, डबल मिनिंग भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। गुरप्रीत कहते हैं कि एक समय रिएलिटी शोज का क्रेज था, लेकिन अब इन्होंने अपनी गरिमा बरकरार नहीं रखी है। वह सिनेमा में डबल मिनिंग जोक को सही नहीं मानते।


गुरप्रीत के अनुसार मैं लाफ्टर चैलेंज में गया था, तब भी साफ सुथरी ही कॉमेडी करता था। अब हस बलिए में भी साफ सुथरी कॉमेडी है। वैसे भी डबल मिनिंग जोक करने वालों को सोचना चाहिए कि उनके परिवार वाले भी इसे देख रहे होंगे। आगामी प्रोजेक्ट के बारे में वह बताते हैं कि हिंदी फिल्म कब से संभाले रखा है दिल और सदियां में वह नजर आएंगे।


पंजाबी फिल्म करके अच्छा लगा: नवनीत


नवनीत कौर की चाहे यह पहली पंजाबी फिल्म है, लेकिन वह फिल्म इंडस्ट्री में नई नहीं है। साउथ की कई फिल्म कर चुकी नवनीत कई एलबम में भी नजर आ चुकी है। नवनीत वैसे को मुंबई में ही रही है, लेकिन उसकी जड़ें पंजाब के रोपड़ से है। नवनीत कहती है कि पंजाबी होने के कारण भाषा मेरे लिए समस्या नहीं रही।


वह कहती है कि उसका लक्ष्य अच्छी एक्ट्रेस बनना और स्टाइल आईकॉन बनना है। नवनीत के अनुसार चाहे अभी बॉलीवुड में वह कुछ नहीं कर रही, लेकिन बॉलीवुड भी बहुत दूर नहीं है। पंजाब में लड़ गया पेंचा के बाद वह छेवां दरिया पंजाबी फिल्म भी कर रही है।
 
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