Palang Tod
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मानसिक रूप से अस्वस्थ 11 साल की खुशबू के अपहरण के मामले में पंजाब पुलिस ने डेढ़ साल बाद एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर भी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के दखल के बाद दर्ज की गई है।
पटियाला जोन के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस परमजीत सिंह गिल ने सोमवार को हाईकोर्ट में पेश होकर जानकारी दी कि नयागांव पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 363 व 366-ए के तहत 3 मार्च 2010 को एफआईआर दर्ज कर ली गई है। खुशबू की तलाश के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) भी गठित कर दी गई है। टीम की अगुवाई मोहाली के एसपी (डिटेक्टिव) करेंगे और उनके साथ मोहाली के डीएसपी सिटी-1 व नयागांव थाना एसएचओ भी रहेंगे। जस्टिस टीपीएस मान ने मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल तय की है।
नयागांव निवासी सुशीला की तरफ से याचिका में कहा गया था कि उनकी 11 साल की बेटी खुशबू को अगस्त 2008 में कोई उनके घर से उठा ले गया। पुलिस ने मामले को लेकर महज डीडीआर दर्ज की और आगे कोई कार्रवाई नहीं की। बच्ची मानसिक रूप से अस्वस्थ है। याचिका में कहा गया कि पुलिस जांच की लापरवाही ही निठारी कांड जैसी घटनाओं को बढ़ावा दे रही है, जहां पुलिस का रवैया लड़की की तलाश को लेकर सहानुभूति वाला नहीं है। मोहाली के डीएसपी की तरफ से कहा गया था कि लड़की की आयु को देखते हुए समझा जा सकता है कि उसे किसी दूर की जगह शिफ्ट कर दिया गया हो। ऐसे में सभी एसएसपी स्तर के अधिकारियों को लड़की की फोटो भेज दी गई है।
17 अगस्त 2008 को खुशबू स्कूल नहीं गई थी। उसकी मां सुशीला उसे घर पर अकेला छोड़ कोठियों में काम करने चली गई थी। जब वह लौटी तो बेटी को गायब पाया। खुशबू चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ती थी। इस घटना की जानकारी नयागांव पुलिस को दूसरे ही दिन 18 अगस्त को दी गई। पुलिस ने लड़की के लापता होने की डीडीआर लिखकर उसकी कॉपी उसकी मां को दे दी। लेकिन खुशबू का कहीं कोई पता नहीं चला। सुशीला ने कई बार पुलिस पर मदद न करने का आरोप लगाया। इस मामले के हाईकोर्ट में जाने के बाद पुलिस कार्रवाई में तेजी आई। अब पुलिस खुशबू की तालाश के लिए टीमें बनाकर अन्य राज्यों में भेजेगी।
पटियाला जोन के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस परमजीत सिंह गिल ने सोमवार को हाईकोर्ट में पेश होकर जानकारी दी कि नयागांव पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 363 व 366-ए के तहत 3 मार्च 2010 को एफआईआर दर्ज कर ली गई है। खुशबू की तलाश के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) भी गठित कर दी गई है। टीम की अगुवाई मोहाली के एसपी (डिटेक्टिव) करेंगे और उनके साथ मोहाली के डीएसपी सिटी-1 व नयागांव थाना एसएचओ भी रहेंगे। जस्टिस टीपीएस मान ने मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल तय की है।
नयागांव निवासी सुशीला की तरफ से याचिका में कहा गया था कि उनकी 11 साल की बेटी खुशबू को अगस्त 2008 में कोई उनके घर से उठा ले गया। पुलिस ने मामले को लेकर महज डीडीआर दर्ज की और आगे कोई कार्रवाई नहीं की। बच्ची मानसिक रूप से अस्वस्थ है। याचिका में कहा गया कि पुलिस जांच की लापरवाही ही निठारी कांड जैसी घटनाओं को बढ़ावा दे रही है, जहां पुलिस का रवैया लड़की की तलाश को लेकर सहानुभूति वाला नहीं है। मोहाली के डीएसपी की तरफ से कहा गया था कि लड़की की आयु को देखते हुए समझा जा सकता है कि उसे किसी दूर की जगह शिफ्ट कर दिया गया हो। ऐसे में सभी एसएसपी स्तर के अधिकारियों को लड़की की फोटो भेज दी गई है।
17 अगस्त 2008 को खुशबू स्कूल नहीं गई थी। उसकी मां सुशीला उसे घर पर अकेला छोड़ कोठियों में काम करने चली गई थी। जब वह लौटी तो बेटी को गायब पाया। खुशबू चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ती थी। इस घटना की जानकारी नयागांव पुलिस को दूसरे ही दिन 18 अगस्त को दी गई। पुलिस ने लड़की के लापता होने की डीडीआर लिखकर उसकी कॉपी उसकी मां को दे दी। लेकिन खुशबू का कहीं कोई पता नहीं चला। सुशीला ने कई बार पुलिस पर मदद न करने का आरोप लगाया। इस मामले के हाईकोर्ट में जाने के बाद पुलिस कार्रवाई में तेजी आई। अब पुलिस खुशबू की तालाश के लिए टीमें बनाकर अन्य राज्यों में भेजेगी।