दिल से भुलाना इतना आसां नही है ,

तुझे अब दिल से भुलाना इतना आसां नही है ,
गमों में भी मुस्कराना इतना आसां नही है ,
इस कदर इन सदमों से गुज़रा है जो अभी ,
उसके दिल को समझाना इतना आसां नही है ,
जिस गुलशन में बरसों ना बहार आयी हो ,
उसे फिर से महकाना इतना आसां नही है ,
वादा करना तो बहुत आसान है मेरे दोस्त ,
लेकिन करके निभाना इतना आसां नही है
 
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