JobanJit Singh Dhillon
Elite
दिल-ऐ-नादान तुझे एहसास नहीं
उससे मिलने की भी कोई आस नहीं
तेरी हस्ती भी तो कोई खास नहीं
राहें इश्क की कदमो को रास नहीं
क्यूँ रूकती इश्क की ये बरसात नहीं
और बुझती तेरी ये प्यास नहीं
होती क्यूँ किसी मोड़ पे उससे मुलाकात नहीं
हालात दिल के समझती वो जज्बात नहीं
या तेरे इश्क में हरमन वो बात नहीं
के सीने उसके में दहकती जो आग नहीं
जुदाई से क्यूँ बाजवा मिलती तुझे निजात नहीं
सब छोड़ रस्मे तोड़ आती क्यूँ वो तेरे पास नहीं
कलम :- हरमन बाजवा ( मुस्तापुरिया )
उससे मिलने की भी कोई आस नहीं
तेरी हस्ती भी तो कोई खास नहीं
राहें इश्क की कदमो को रास नहीं
क्यूँ रूकती इश्क की ये बरसात नहीं
और बुझती तेरी ये प्यास नहीं
होती क्यूँ किसी मोड़ पे उससे मुलाकात नहीं
हालात दिल के समझती वो जज्बात नहीं
या तेरे इश्क में हरमन वो बात नहीं
के सीने उसके में दहकती जो आग नहीं
जुदाई से क्यूँ बाजवा मिलती तुझे निजात नहीं
सब छोड़ रस्मे तोड़ आती क्यूँ वो तेरे पास नहीं
कलम :- हरमन बाजवा ( मुस्तापुरिया )