चलो, अब देख लेते हैं, मनाता कौन हैं.. किस को ???

तुम्हे जो बे-सबब मुझसे खफा होने की आदत हैं
ये आग़ाज़-ऐ-जुदाई हैं के अंदाज़-ऐ-मुहब्बत ?​

वफ़ा के रंग में देखो, जफ़ा अच्छी नहीं होती
किसी से प्यार में इतनी अना अच्छी नहीं होती​

चलो, अब मान भी जाओ बहुत सी हो चुकी रंजिश
किसी दिन और कर लेना ये पूरी तुम अपनी ख्वाहिश​

फ़कत कहने की बातें हैं, निभाता हैं कौन किस को ?
चलो, अब देख लेते हैं, मनाता कौन हैं... किस को ?​
 
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