चाह कर भी उसे अपना न बना सके

jassmehra

(---: JaSs MeHrA :---)
चाह कर भी उसे अपना न बना सके,
इश्क़ कर के भी उन्हें ये जाता न सके,
दिल था हमारा कोई कागज़ का टुकड़ा नहीं,
इसलिए चीर कर कभी ये दिखा न सके.
 
Top