चीन ने भारत के सीक्रेट दस्तावेजों में लगा&#231

एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की प्रमुख मिसाइलों और हथियारों के साथ-साथ डिप्लोमैटिक दस्तावेजों की सुरक्षा में सेंध लग चुकी
है। खबर है कि चीन के हैकर देश के रक्षा मंत्रालय और दुनिया भर में इसके दूतावासों की टॉप सीक्रेट साइबर फाइलों तक पहुंचने में कामयाब हो चुके हैं।

भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने नई दिल्ली में कहा कि रिपोर्ट मंगलवार को ही जारी हुई है, सो सरकार पहले इसकी स्टडी कर तह तक जाएगी। हालांकि रक्षा मंत्रालय के बड़े अफसरों ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है और जांच हो सकती है। पेइचिंग में चीन ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उसका कहना है कि हम हैकिंग के विरोधी हैं और इसे इंटरनैशनल अपराध मानते हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के कनाडा और अमेरिका के रिसर्चरों की रिपोर्ट 'शैडो इन द क्लाउड्स' में इस हैकिंग की जानकारी दी गई है। टोरंटो के मंक स्कूल ऑफ साइबर अफेयर्स और ओटावा के द सेकडेव ग्रुप के रिसर्चरों ने इस बारे में आठ महीने तक स्टडी की।रिपोर्ट के मुताबिक, जिन सिस्टम को हैक किया गया, उनमें प्रोजेक्ट शक्ति भी हो सकता है। सेना में हाल में शामिल किया गया यह अडवांस्ड आर्टिलरी कॉम्बैट और कंट्रोल सिस्टम है। आयरन डोम नाम के मोबाइल मिसाइल डिफेंस सिस्टम का भी नाम लिया जा रहा है। दलाई लामा के ऑफिस से जनवरी से नवंबर 2009 के बीच भेजे गए 1500 लेटर भी लीक किए गए।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह हैकिंग चीन के जासूसी शैडो नेटवर्क के तहत अंजाम दी गई। रिसर्चरों के नोट के मुताबिक, इस बात का कोई साफ सबूत नहीं है कि हैकिंग भारत सरकार के कंप्यूटरों से ही की गई। हो सकता है कि इन्हें पर्सनल कंप्यूटरों पर कॉपी किया गया हो, उसके बाद हैकिंग हुई हो। जासूसों के मकसद का भी साफ पता नहीं चला है। कुल मिलाकर हैकिंग भारत और तिब्बत के हितों से जुड़े विषयों की हुई है।
 
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