बहुत खूबसुरत जवाँ एक लड़की
सड़क पे अकेली चली जा रही थी
फ़कत नाम को उसने पहने थे कपड़े
अजंता की मूरत नज़र आ रही थी
कोई मनचला उससे टकरा गया
मेरे दोस्तों, तुम करो फ़ैसला
खता किसकी है, किसको दें हम सज़ा
मेरे दोस्तों...
हुआ हादसा जो, वो कैसे ना होता
के बन के क़यामत वो निकली थी घर से
ना देखे कोई तो शराफ़त है उसकी
जो देखे तो कुछ भी छुपे ना नज़र से
कोइ दिलजला मुफ़्त मारा गया
मेरे दोस्तों...
हसीं तो हमेशा हसीं थे मगर
कभी रास्तों पे निकलते ना थे
बदलते थे वो भी कई रूप लेकिन
नये रोज़ फ़ैशन बदलते ना थे
गया एक तो दूसरा आ गया
सड़क पे अकेली चली जा रही थी
फ़कत नाम को उसने पहने थे कपड़े
अजंता की मूरत नज़र आ रही थी
कोई मनचला उससे टकरा गया
मेरे दोस्तों, तुम करो फ़ैसला
खता किसकी है, किसको दें हम सज़ा
मेरे दोस्तों...
हुआ हादसा जो, वो कैसे ना होता
के बन के क़यामत वो निकली थी घर से
ना देखे कोई तो शराफ़त है उसकी
जो देखे तो कुछ भी छुपे ना नज़र से
कोइ दिलजला मुफ़्त मारा गया
मेरे दोस्तों...
हसीं तो हमेशा हसीं थे मगर
कभी रास्तों पे निकलते ना थे
बदलते थे वो भी कई रूप लेकिन
नये रोज़ फ़ैशन बदलते ना थे
गया एक तो दूसरा आ गया